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आसाराम केस में बड़ा फैसला, जानिए तारीख-दर-तारीख कब-क्या हुआ?

पांच साल पहले राजस्थान के जोधपुर जिले में आसाराम एक फार्म हाउस में मौजूद थे. वहीं वो घटना हुई जिसने आसाराम को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. मामला था एक नाबालिग के साथ यौनाचार करने का. इन पांच वर्षों में इस मामले में कब क्या क्या हुआ.

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आसाराम के भारी समर्थकों को देखते हुए पुलिस की परेशानी बढ़ रही है
आसाराम के भारी समर्थकों को देखते हुए पुलिस की परेशानी बढ़ रही है

पांच साल पहले राजस्थान के जोधपुर जिले में आसाराम एक फार्म हाउस में मौजूद था. वहीं वो घटना हुई जिसने आसाराम को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. अदालत ने नाबालिग से रेप मामले में आसाराम को दोषी करार दे दिया है. इन पांच वर्षों में इस मामले में कब क्या क्या हुआ, जानिए यहां-

15 अगस्त 2013

रात का वक्त था. जोधपुर के निकट मणाई गांव के पास एक फार्म हाउस में आसाराम ने एक नाबालिग छात्रा का यौन उत्पीड़न किया.

19 अगस्त 2013

पीड़िता और उसके माता-पिता ने नई दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में रात के 11 बजकर 55 मिनट पर आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. उसी रात 1 बजकर 5 मिनट पर पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया. और 2 बजकर 45 मिनट पर मुकदमा दर्ज किया.

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20 अगस्त 2013

धारा 164 के तहत पीड़िता के बयान दर्ज कराए गए. दिल्ली के कमला नगर थाने में दर्ज जीरो एफआईआर को जोधपुर भेजा गया.

21 अगस्त 2013

जोधपुर पुलिस ने शाम सवा 6 बजे मामला दर्ज किया. आसाराम के खिलाफ IPC की धारा 342, 376, 354 (ए), 506, 509 व 134 के तहत मामला दर्ज किया गया.

31 अगस्त 2013

मामला दर्ज करने बाद जोधपुर पुलिस की एक टीम ने मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से आसाराम को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 8 और जेजेए की धारा 23 व 26 के तहत मामला दर्ज किया गया.

6 नवम्बर 2013

पुलिस ने आसाराम के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. 29 नवम्बर को इस मामले पर कोर्ट ने संज्ञान लिया.

13 फरवरी 2014

कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी आसाराम और सहआरोपी शिल्पी, शरद, प्रकाश के खिलाफ आरोप तय किए.

19 मार्च 2014 से 6 अगस्त 2016

इस अवधि के दौरान अभियोजन पक्ष ने अपनी तरफ से 44 गवाहों की गवाही कराई और साथ ही कोर्ट में 160 दस्तावेज पेश किए गए.

4 अक्टूबर 2016

कोर्ट में आसाराम के बयान दर्ज किए गए.

22 नवम्बर 2016 से 11 अक्टूबर 2017

इस अवधि में बचाव पक्ष ने अदालत के समक्ष 31 गवाहों के बयान दर्ज कराए और साथ ही 225 दस्तावेज प्रस्तुत किए.

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7 अप्रैल 2018

इस मामले में विशेष एससी-एसटी कोर्ट में बहस पूरी हो गई.

25 अप्रैल 2018

कोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई करने के बाद फैसले के लिए 25 अप्रैल तय कर दी थी. इस मामले में अदालत ने सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया.

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