यौन शोषण केस में जेल में बंद आसाराम पर बुधवार को फैसला आने वाला है. शाहजहांपुर की एक दलित नाबालिग लड़की से रेप केस में फंसे आसाराम पर जोधपुर की स्पेशल SC/ST कोर्ट में यह मामला चल रहा है. एससी/एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन मिश्रा ने 7 अप्रैल को मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था. फैसला सुनाने के लिए उन्होंने 25 अप्रैल की तारीख निर्धारित की.
लेकिन अब यह अहम सवाल उठ खड़ा हुआ है कि जब पूरे मामले की सुनवाई कोर्ट में ही हुई तो फैसला सुनाने के लिए जेल में कोर्ट क्यों लगवाया जा रहा है. और दूसरा अहम सवाल यह है कि फैसला सुनाने के लिए जेल में तैयार हो रहे कोर्ट की व्यवस्था कैसी है.
जेल के अंदर कुछ ऐसी होगी व्यवस्था
जोधपुर सेंट्रल जेल के DIG विक्रम सिंह ने बताया कि जेल के अंदर कोर्ट को पूरी तरह तैयार कर लिया गया है. फैसला सुनाने के दौरान कोर्ट के चुनिंदा कर्मचारियों और दोनों पक्षों के वकील के अलावा किसी अन्य को एंट्री नहीं मिलेगी. सुनवाई के दिन जज, कोर्ट के कर्मचारी, दोनों पक्षों के वकील, सुरक्षा अधिकारी व जेल अधिकारी मौजूद रहेंगे. जेल के अंदर और बाहर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे.
उन्होंने कहा कि जेल में फैसला सुनने के लिए आने वाले हर व्यक्ति पर कड़ी निगाह रखी जाएगी. कोर्ट के पूरे इलाके को सील कर दिया गया है.
आतंकियों के लिए बनाया गया था यह कोर्ट
आसाराम पर फैसला सुनाने के लिए जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर आसाराम के बैरक नंबर 2 के पीछे के हॉल को कोर्ट रूम का रूप दिया गया है. बता दें कि जोधपुर का यह सेंट्रल जेल इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों के लिए तैयार किया गया था, जिसमें अब तक आतंकी पेश होते आए हैं.
हालांकि इस कोर्ट में आसाराम पहले भी आ चुका है. बीच में जब आसाराम के समर्थक कोर्ट में बवाल कर रहे थे, तब आसाराम की सुनवाई पिछले दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसी कोर्ट से की जा रही थी. बताया जाता है कि 31 साल पहले इसी जगह अकाली नेता गुरुचरण सिंह तोहरा की सुनवाई जोधपुर की सेंट्रल जेल में इसी जगह जोधपुर अस्थाई कोर्ट में हुई थी.
मीडिया को नहीं मिलेगी एंट्री
आसाराम पर आने वाले कोर्ट के इस फैसले की पल-पल की खबर देशवासियों तक पहुंचाने के लिए पत्रकारों के प्रवेश की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन जेल प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से मीडिया से जुड़े किसी व्यक्ति को जोधपुर सेंट्रल जेल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी है.
जोधपुर जेल किले में तब्दील, 10 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात
आसाराम पर आने वाले फैसले को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. जेल के बाहर आसाराम के भक्तों की भीड़ न जुटे, इसके भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. जेल के अंदर और जेल के बाहर भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. जेल के बाहर एसटीएफ के जवान और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान चारों तरफ बैरिकेडिंग करके तैनात हैं. जबकि जेल के अंदर जेल के सुरक्षा प्रहरी पहरा देंगे. बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में जोधपुर और जोधपुर के आस-पास 10 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी लगाए गए हैं.
दिन भर जोधपुर में रहेगी नो एंट्री
कल दिनभर यानी 25 अप्रैल को जोधपुर में नो एंट्री रहेगी. शहर के सभी रेलवे स्टेशनों पर खुफिया एजेंसिया तैनात है. जोधपुर के रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किए गए है. जोधपुर में बड़ी संख्या में आसाराम के भक्तों के जुटने की आशंका को देखते हुए पूरे शहर की नाकाबंदी कर दी गई है. जोधपुर में 31 अप्रैल तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है.
इस वजह से जेल में लगेगा कोर्ट
7 अप्रैल को जैसे ही कोर्ट का फैसला आया राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने बिना देरी किए राजस्थान हाईकोर्ट में हाई कोर्ट में अपील कर दी कि आसाराम मामले पर फैसला जेल के अंदर कोर्ट लगाकर सुनाया जाए. दरअसल वसुंधरा सरकार को डर है कि आसाराम के खिलाफ फैसला आने की स्थिति में आसाराम के समर्थक राज्य में अराजक स्थिति न खड़ी कर दें. साथ ही अगर आसाराम को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई जाती है तो जोधपुर में पंचकूला जैसी हिंसक स्थिति बन सकती है. अपनी अपील के पीछे वसुंधरा सरकार ने हाईकोर्ट के सामने इंटेलिजेंस रिपोर्ट पेश की.
इंटेलिजेंस रिपोर्ट में जताई गई यह आशंका
दरअसल इंटेलिजेंस एजेंसीज को ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि अगर आसाराम के खिलाफ फैसला आता है तो उसके हजारों समर्थक उत्पात मचा सकते हैं. इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात की पूरी आशंका है कि जोधपुर में आम जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है एवं शांति व्यवस्था बिगड़ सकती है तथा आसाराम के समर्थक हिंसा कर सकते हैं और कानून व्यवस्था के सामने चुनौती खड़ी कर सकते हैं. इससे सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंच सकता है और जान-माल के नुकसान की भी आशंका है.
बरी हो गए फिर भी जेल में ही रहेंगे आसाराम
वसुंधरा सरकार की अपील और इंटेलिजेंस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर एससी/एसटी कोर्ट को निर्देश दिया कि आसाराम मामले में फैसला जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर ही कोर्ट बनाकर सुनाया जाए, जहां आसाराम बंद है.