नगर निगम की ओर से 17 जुलाई को ही मथुरा के थाना कोतवाली में पार्षद और पार्षद पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. लेकिन तब से ही पति-पत्नी दोनों फरार थे और पुलिस इनको पकड़ने के लिए तमाम दबिश दे रही थी. हालांकि 6 दिन बाद बुधवार को पुलिस ने इनको मथुरा के गोवर्धन थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया.
मथुरा के वार्ड नंबर 24 की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पार्षद दीपिका रानी ने नगर निगम की बोर्ड बैठक में नगर आयुक्त के ऊपर चप्पल फेंकी थी जो उनके पीए को जाकर लगी थी.
गिरफ्तार पार्षद दीपिका रानी ने कहा, 'मैं जनता के लिए लड़ी थी, जो फैसला कानून देगा वो होगा. मेरा निजी कोई स्वार्थ नहीं था. साल भर से मैं परेशान थी, वार्ड में कोई काम नहीं हुआ था.' उन्होंने आगे कहा कि बार-बार फोन करके परेशान हो गई, मैंने कोई चप्पल नहीं मारी थी.'
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दीपिका रानी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने मेरी अंगुली मोड़ दी थी जो आपने देखा भी था मेरी केवल एक ही मांग है कि वार्ड नंबर 24 में हुए विकास कार्यों की जांच करा ली जाए. हालांकि पत्रकारों द्वारा चप्पल चलाने के बारे में पूछे जाने उन्होंने चुप्पी साधा ली.
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पूरे प्रकरण पर सीओ सिटी आलोक दुबे ने बताया कि 17 जुलाई को नगर निगम की बोर्ड बैठक में एक पार्षद द्वारा अभद्र व्यवहार में नगर निगम द्वारा एक मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसमें 2 लोग अभियुक्त थे जिसमें महिला पार्षद और उनके पति की मथुरा के थाना गोवर्धन के राधाकुंड से गिरफ्तारी की गई है और विधिक कार्रवाई की जा रही है.