हिंदुस्तान में एक बार फिर से मॉब लिंचिंग की शर्मनाक घटना सामने आई है. महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में भीड़ ने तीन लोगों को पीट-पीटकर मार डाला. भीड़ ने तीनों को लुटेरा समझकर हमला किया. भीड़ इतनी उग्र थी कि जब सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पुलिस टीम पहुंची, तो उस पर भी हमला कर दिया गया.
ग्रामीणों ने इन तीनों लोगों की मॉब लिंचिंग उस समय की, जब ये लोग नासिक की ओर जा रहे थे. इनमें से एक ड्राइवर था, जबकि दो मुंबई के रहने वाले बताए जा रहे हैं. मृतकों की पहचान सुशीलगिरी महाराज, निलेश तेलगड़े और जयेश तेलगड़े के रूप में हुई है.
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सूत्रों के मुताबिक पालघर जिले में दाभडी खानवेल रोड स्थित एक आदिवासी गांव में 16 अप्रैल को तड़के 200 लोगों ने इन तीनों को लुटेरा समझाकर पथराव कर दिया था और इनके वाहन को रोकने लगे थे. जब इन लोगों ने अपने वाहन को रोका, तो भीड़ ने इनको वाहन से उतारा और डंडों व रॉड से पीटना शुरू कर दिया.
पथराव शुरू होते ही पुलिस को दी जानकारी
वहीं, जब ग्रामीणों ने इन पर पथराव किया और वाहन को रोकने की कोशिश की, तो ड्राइवर ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. इस सूचना पर पुलिस टीम फौरन घटनास्थल पर पहुंची और ग्रामीणों को रोकने की कोशिश की. हालांकि भीड़ अनियंत्रित हो गई और पुलिस पर भी हमला कर दिया. इस हमले में पुलिस के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है.
उग्र भीड़ ने पुलिस टीम पर भी बोला हमला
ग्रामीणों के हमले में कासा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के अलावा जिले के एक सीनियर पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए हैं. कुल मिलाकर इस घटना में पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इससे तीन दिन पहले इसी इलाके में कासा पुलिस स्टेशन के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर आनंद काले, तीन पुलिस अधिकारी और डॉक्टरों पर भी हमला हो चुका है. ग्रामीणों ने इनको भी लुटेरा समझकर हमला किया था.
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एक सीनियर पुलिस अधिकारी का कहना है कि फिलहाल मामले की सभी एंगल से जांच की जा रही है. इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या इलाके में सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाई जा रही है? आखिर इतने सारे ग्रामीण एक साथ कैसे जमा हो गए? ग्रामीणों से भी इसको लेकर पूछताछ की जा रही है.