पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की जांच में पता चला है कि पाक एजेंसी के अधिकारी अपने भारतीय जासूसों से बात करने के लिए दिल्ली से जारी हुआ वोडाफोन का एक नंबर इस्तेमाल कर रहे हैं.
भारत पाक सीमा पर जमे आईएसआई के कारिंदे दिल्ली में मौजूद अपने एजेंट्स से बात करने के लिए इसी वोड़ाफोन नंबर से बात करते हैं. दिल्ली के यह नंबर फर्जी दस्तावेजों के सहारे लिया गया था. क्राइम ब्रांच के अधिकारी इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर वो कौन लोग हैं जो फर्जी आईडी पर सिम जारी कराते हैं.
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को रोहिणी निवासी अंकुश खंडेलवाल को गिरफ्तार किया. पुलिस को जानकारी को मिली थी कि अंकुश फर्जी वोटर कार्ड और दस्तावेजों के सहारे प्रीपेड सिम कार्ड्स एक्टिवेट कराता है. वह प्रिएक्टिव सिम कार्डस् को ज्यादा कीमत पर बेचता है. ऐसे सिम कार्ड उन लोगों को ज्यादा कीमत पर बेचे जाते हैं जो बिना कागजों के सिम की डिमांड करते हैं.
फर्जी दस्तावेजों के सहारे जारी किए गए सिम कार्ड का इस्तेमाल केवल अपराधी ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले संदिग्ध भी करते हैं. पुलिस ने अंकुश को गिरफ्तार करके उसके पास से 205 प्रिएक्टिव सिम कार्ड्स, 28 कस्टमर आइडेंटिफिकेशन फ़ार्म (सीएएफ), फर्जी पहचान पत्र और पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं.
आईएसआई के संदिग्धों से पूछताछ जारी है. साथ ही पुलिस ने पता लगा लिया है कि आईएसआई जिस नंबर का इस्तेमाल कर रही है, वह नंबर कहां से और किसने जारी किया था. पुलिस जल्द ही उस शख्स तक पहुंच जाएगी.
पुलिस की पकड़ में आए अंकुश ने जो सिम जारी किए थे, उनका पाक जासूसों के नंबर से कोई संबंध है या नहीं, इस बात की छानबीन चल रही है. अंकुश अलवर का रहने वाला है और उसने राजस्थान यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री भी हासिल की है.