भारत की खुफिया जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को पटियाला हाउस कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है. कैप्टन मारवाह को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था, जिसने कोर्ट से उनकी रिमांड नहीं मांगी है. पुलिस को फोरेंसिक लैब रिपोर्ट का इंतजार है.
बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने हनीट्रैप के जरिए ग्रुप कैप्टन से खुफिया जानकारी हासिल की थी. ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह फेसबुक के जरिए दो महिलाओं के संपर्क में आया था. इसके बाद में वह खुफिया जानकारी वॉट्सएप के जरिए भेजने लगा था. उस पर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत केस दर्ज किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, वायुसेना मुख्यालय में तैनात रहे ग्रुप कैप्टन को काउंटर इंटेलिजेंस विंग की ओर से करीब 10 दिनों तक की गई पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था. उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया था. रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने मंगवार को उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया है.
ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह ने फेसबुक के जरिए महिला से दोस्ती की थी. वायुसेना के केंद्रीय सुरक्षा एवं जांच दल ने एक नियमित जासूसी रोधी चौकसी के दौरान पाया कि अधिकारी अनधिकृत इलेक्ट्रानिक उपकरणों के जरिए अवांछित गतिविधियों में लिप्त था. भारतीय सेना के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय होने के लिए एक सख्त संहिता है.
इसके तहत सैनिकों को अपनी पहचान, पद, तैनाती और अन्य पेशेवर विवरण साझा करने पर पाबंदी है. उन्हें वर्दी में अपनी तस्वीर भी लगाने पर पाबंदी है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत में जासूसी करने के लिए हनीट्रैप का सहारा ले रही है. जवानों को मोहरा बनाया जा रहा है. साल 2015 में रंजीत केके नामक एक एयरमैन को अरेस्ट किया गया था.
बर्खास्त होने से पहले वह बठिंडा बेस पर तैनात था. उसे दिल्ली पुलिस, सैन्य खुफिया और वायुसेना यूनिट ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर पकड़ा था. उसे एक पाकिस्तानी लेडी एजेंट ने अपने जाल में फंसाया था. इस मामले की शुरुआत फेसबुक चैटिंग से हुई थी. पाकिस्तानी एजेंट उससे फेक फेसबुक अकाउंट के जरिए बातचीत करती थी.