ऋण भुगतान में देरी करना जानलेवा भी हो सकता है. ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला ओडिशा में सामने आया है. जहां कर्ज चुकाने में देरी करना एक किसान को भारी पड़ गया. उसे दौड़ा दौड़ा कर मारा गया और तेजधार हथियार से उसके शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दिए गए.
मामला ओडिशा के संभलपुर जिले का है. वहां रहने वाले 45 वर्षीय किसान रोहित दास ने बीज और खेती के उपकरण खरीदने के लिए इलाके के साहूकार विरुपक्शया पांडा से पिछले साल 1.25 लाख रुपये उधार लिए थे. यह पैसा रोहित दास को दिसंबर तक लौटाना था.
लेकिन खराब मौसम की वजह से उसकी फसल खराब हो गई. रही सही कसर नोटबंदी ने पूरी कर दी. रोहित दास परेशानी में आ चुका था. इस दौरान पांडा ने कई बार उसे पैसा चुकाने के लिए कहा. साथ ही उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी. दबाव बढ़ता देख रोहित दास ने किसी तरह से कुछ हजार रुपये का इंतजाम किया.
वह पैसा देने के लिए पांडा के पास गया था. मगर लौट कर नहीं आया. बाद में पता चला कि पांडा के लोगों ने रोहित दास को दौड़ा दौड़ा कर पीटा. और फिर तेजधार हथियार से उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. उसकी हत्या करने के बाद पांडा के गुर्गे वहां से फरार हो गए.
बाद में रोहित दास के परिजन उसकी तलाश में वहां पहुंचे तो उसकी लाश के टुकड़े देखकर उनके होश उड़ गए. पूरा परिवार सदमे में आ गया. उसकी पत्नी ने लाश के टुकड़ों को अपनी साड़ी में इक्कठा किया. मामले की शिकायत लेकर पीड़ित परिवार पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की.
बाद में मामला जब सुर्खियों में आया तो पुलिस ने दबाव में आकर मामला दर्ज कर लिया और एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया. लेकिन मुख्य आरोपी पांडा अभी तक फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. पांडा इलाके का दबंग साहूकार माना जाता है.