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चंडीगढ़ एक बार फिर शर्मसार, सरेआम युवती को अगवा करने की कोशिश

वर्णिका कांड को अभी ज्यादा दिन भी नहीं हुए कि चंडीगढ़ में एक बार फिर सरेआम एक युवती मनचलों का शिकार हो गई. इस बार तीन कार सवार युवकों ने एक्टिवा पर जा रही लड़की का पीछा किया. और फिर सरेआम उसे अगवा करने की कोशिश भी की. पीड़िता ने किसी तरह से भागकर अपनी जान बचाई और इस बात की सूचना पुलिस को दी.

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पुलिस मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है
पुलिस मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है

वर्णिका कांड को अभी ज्यादा दिन भी नहीं हुए कि चंडीगढ़ में एक बार फिर सरेआम एक युवती मनचलों का शिकार हो गई. इस बार तीन कार सवार युवकों ने एक्टिवा पर जा रही लड़की का पीछा किया. और फिर सरेआम उसे अगवा करने की कोशिश भी की. पीड़िता ने किसी तरह से भागकर अपनी जान बचाई और इस बात की सूचना पुलिस को दी.

मामला चंडीगढ़ के सेक्टर-36 का है. पीड़िता एक प्राइवेट कपंनी में काम करती है. वह सेक्टर-40 में बतौर पेइंग गेस्ट रहती है. बीती रात करीब 10 बजे वह एक्टिवा स्कूटी पर अपने घर लौट रही थी. तभी सेक्टर-36 के पास कार सवार तीन युवक उसका पीछा करने लगे. इसी बीच एक आरोपी ने गाड़ी से बाहर आकर उसे रोकने की कोशिश की.

घबराई लड़की ने स्कूटी की स्पीड और तेज कर दी. इसके बाद आरोपी सेक्टर-40 तक उसका पीछा करते रहे. कई बार उसे रोकने की कोशिश की गई. किसी तरह वह बचकर अपने घर पहंची और पुलिस को फोन किया. इस बात की सूचना मिलते ही सेक्टर-36 थाना पुलिस उसके घर पहुंची और उसके बयान दर्ज किए.

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एसएचओ नसीब सिंह के मुताबिक, सूचना मिलते ही आरोपियों की गाड़ी का नंबर वायरलेस के जरिए सभी थानों को बताया गया. पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 354डी और 34 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. अब पुलिस गाड़ी की पहचान कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है.

बताते चलें, चंडीगढ़ में 5 अगस्त की रात वर्णिका कुंडू नाम की लड़की के साथ विकास और उसके दोस्त आशीष ने छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया था. वे लोग गलत नीयत से वर्णिका की कार का पीछा कर रहे थे. किसी तरह वर्णिका ने पुलिस को फोन कर खुद की जान बचाई. वर्णिका कुंडू हरियाणा के वरिष्ठ IAS अफसर वीरेंद्र कुंडू की बेटी है.

वहीं विकास बराला हरियाणा के बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला का बेटा है. वर्णिका की शिकायत के बाद पुलिस ने उसी रात विकास और आशीष को गिरफ्तार कर लिया था. काफी राजनीतिक दबाव के बाद विकास और उसके दोस्त आशीष को 14 दिन न्यायिक हिरासत में हैं. लेकिन 15 अगस्त से ठीक एक दिन पहले चंडीगढ़ में फिर ऐसा मामला सामने आना वहां की कानून व्यस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.

 

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