तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के कुछ ही दिनों बाद भारतीय एजेंसियों को एक बड़ी कामयाीब मिली है. आईएसआई समर्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर/आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया अमेरिका में पकड़ा गया है. पंजाब में कई बम धमाके और ग्रेनड हमले कराने के आरोपी हरप्रीत को एफबीआई ने अमेरिका के सैक्रामेंटो में पकड़ा है. बहुत जल्द हैप्पी को भारत लाया जा सकता है. एनआईए के अलावा पंजाब पुलिस भी कागजी कार्रवाई में जुटी है.
पंजाब पुलिस पहले ही हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी को भारत लाने के लिए पत्र लिख चुकी है. उस पर एनआईए ने 5 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. पंजाब पुलिस और भारतीय एजेंसियों के लिए हैप्पी पासिया बड़ा सरदर्द बना हुआ था. उसने आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ मिलकर पजाब में उसने कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिलवाया था. वो अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल हुआ था. 14 से ज्यादा आतंकी वारदातों को अंजाम दिलवाया है.
हैप्पी पासिया पर आईएसआई के इशारे पर पंजाब के अलग-अलग शहरों, जैसे कि अमृतसर, बटाला और गुरदासपुर में पुलिस चौकियों पर ग्रेनड हमले और विस्फोट कराने का आरोप है. उसने भारतीय सेना के एक पूर्व अधिकारी को भी निशाना बनया था. उसके पकड़े जाने पर पंजाब पुलिस के मुखिया डीजीपी गौरव यादव ने भी खुशी जताई है. उन्होंने उसकी गिरफ्तारी को पाकिस्तान के आईएसआई समर्थित आतंकी नेटवर्क पर लगातार कार्रवाई में एक बड़ी उपलब्धि बताया है.
डीजीपी गौरव यादव ने एक्स पर लिखा है, ''आईएसआई समर्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का यूएसए आधारित प्रमुख ऑपरेटिव और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी रिंदा का करीबी सहयोगी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया की गिरफ्तारी एक बड़ी उपलब्धि है. 2023-2025 के बीच हैप्पी पासिया ने पंजाब में टारगेट किलिंग, पुलिस प्रतिष्ठानों पर ग्रेनेड अटैक और जबरन वसूली की साजिश रचने में केंद्रीय भूमिका निभाई. 17 अप्रैल को एफबीआई और आईसीई ने उसे गिरफ्तार किया है.''
पंजाब पुलिस द्वारा तैयार किए गए डोजियर के अनुसार, हैप्पी पासिया के खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कुल 33 एफआईआर दर्ज की गई हैं. उसके खिलाफ 10 लुकआउट सर्कुलर जारी किए गए हैं. अमृतसर जिले के पासिया गांव का रहने वाला हैप्पी अप्रैल 2018 में दुबई चला गया था और फरवरी 2019 में भारत लौट आया था. इसके बाद वो अक्टूबर 2020 में लंदन गया और उसके बाद अमेरिका चला गया. पासिया शुरू में जग्गू भगवानपुरिया गिरोह के सदस्यों के साथ जुड़ा हुआ था.
इसमें अमेरिका स्थित सहयोगी दरमनजोत सिंह (दरमन कहलों) और अमृतपाल सिंह (अमृत बल) शामिल थे. भगवानपुरिया गिरोह के साथ यह जुड़ाव संगठित अपराध में पासिया की संलिप्तता की शुरुआत को दर्शाता है, जिसने पाकिस्तान स्थित हरविंदर सिंह रिंदा, बब्बर खालसा इंटरनेशनल के एक आतंकवादी के साथ उसके बाद के सहयोग की नींव रखी. रिंदा ने हाल ही में पंजाब में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए हैप्पी पासिया को अपने साथ शामिल किया था.
डोजियर के अनुसार, सितंबर और अक्टूबर 2023 के बीच रिंदा के साथ मिलीभगत करके पासिया ने पंजाब, भारत में जबरन वसूली और आतंकी गतिविधियों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया. उन्होंने डर पैदा करने के लिए बटाला और अमृतसर में शराब ठेकेदारों और व्यापारियों को निशाना बनाया. इसके बाद उनको जबरन वसूली की कॉल की गई. रिंदा-पासिया नेटवर्क द्वारा समर्थित कई आतंकी और आपराधिक मॉड्यूल का पंजाब पुलिस ने भंडाफोड़ किया है.
हैप्पी पासिया और हरविंदर सिंह रिंदा के बीच गठबंधन ने पंजाब में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के उद्देश्य से एक नापाक नेटवर्क का गठन किया. पंजाब में प्रमुख हस्तियों को निशाना बनाने के उद्देश्य से आतंकी मॉड्यूल की योजना बनाने और उसे संचालित करने में उसकी भागीदारी एक महत्वपूर्ण खतरे को रेखांकित करती है. 2024 के अंत और 2025 की शुरुआत के बीच बीकेआई ने पंजाब भर में 16 आतंकी हमलों की एक श्रृंखला की योजना बनाई.

इन हमलों का पैटर्न अक्टूबर 2024 के मध्य से शुरू होकर 8 अप्रैल, 2025 तक जारी है. यह सीमावर्ती राज्य में कानून और व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है. इनमें से पहली घटना 29 नवंबर, 2024 को हुई थी, जब अमृतसर के गुरबख्श नगर में एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंका गया था. ठीक तीन दिन बाद, 2 दिसंबर को, नवांशहर में अंसारो पुलिस चौकी पर इसी तरह का हमला हुआ. इसके बाद 4 दिसंबर को अमृतसर के मजीठा थाने पर ग्रेनेड अटैक किया गया.
13 दिसंबर को बटाला के घनिया के बांगर पुलिस स्टेशन पर एक और विस्फोट हुआ. 17 दिसंबर को अमृतसर के इस्लामाबाद पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ. 18 दिसंबर को गुरदासपुर में बख्शीवाल पुलिस चेक पोस्ट पर विस्फोट हुआ. 20 दिसंबर को गुरदासपुर में ही वडाला बांगर पुलिस चेक पोस्ट पर ग्रेनेड फेंका गया. 2025 में हमले फिर से नई तेजी के साथ शुरू हुए. 9 जनवरी, 2025 को अमृतसर शहर में गुमटाला पुलिस पोस्ट के बाहर ग्रेनेड फेंका गया.
एक सप्ताह से भी कम समय बाद, 15 जनवरी को एक असामान्य घटना की सूचना मिली जब अमृतसर में एक निजी नागरिक राजिंदर कुमार के घर के बाहर ग्रेनेड फटा. 3 फरवरी को फतेहगढ़ चूड़ियां पुलिस चौकी के पास जबरदस्त विस्फोट किया गया था. 14 फरवरी को गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में एक पुलिस अधिकारी के आवास को निशाना बनाकर कम तीव्रता वाला विस्फोट किया गया. 17 फरवरी को गुरदासपुर के रायमल में एक अन्य पुलिसकर्मी के आवास पर इसी तरह का ग्रेनेड हमला हुआ.