उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आतंकी गतिविधियों की प्रभावी रोकथाम के लिए बड़ा काम करने जा रही है. प्रदेश में पहली बार एक साथ एटीएस की सात इकाइयों की स्थापना की संस्तुति की गई है. साथ ही एटीएस को और मजबूत करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है. उम्मीद है कि जल्द ही यूपी एटीएस को अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया जाएगा. साथ ही सूबे के संवेदनशील जिलों में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर भी खोले जाएंगे.
संवेदनशील जिलों में एटीएस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर
सरकार ने प्रदेश के 10 संवेदनशील जिलों मेरठ, अलीगढ़, श्रावस्ती, बहराइच, ग्रेटर नोएडा (जेवर एयरपोर्ट), आजमगढ़ (निकट एयरपोर्ट), कानपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर और सहारनपुर के देवबंद में एटीएस इकाई और कमाण्डो ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने का फैसला किया है. इसके लिए संबंधित जिलों में भूमि आवंटित हो गई है और भवनों के निर्माण के लिए कार्रवाई चल रही है. इसके अलावा वाराणसी और झांसी में एटीएस इकाई की स्थापना के लिए जल्द ही भूमि आवंटन होने की संभावना है. शासन के निर्देशानुसार एटीएस को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बहराइच और श्रावस्ती में एटीएस की नई फील्ड यूनिट स्थापित की जा चुकी है. वहां कार्य सुचारू रूप से चल रहा है.
विदेशियों समेत कई आरोपियों को कर चुके हैं गिरफ्तार
एटीएस ने विभिन्न आतंकवादी संगठनों आईएसआईएस, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जैश-ए-मोहम्मद, जेएमबी, आईएसआई, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), नक्सलवादी, टेरर फंडिंग, एबीटी/बांग्लादेश, बब्बर खालसा, जाली भारतीय मुद्रा आदि से संबंधित 69 आतंकवादियों और विभिन्न अपराधों से संबंधित 216 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही मूक बधिर छात्रों, कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी और शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
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इसके अलावा 16 जनवरी को एटीएस ने कूट रचित प्रपत्रों के आधार पर भारी मात्रा में फर्जी मोबाईल सिम एक्टिवेट कराने से संबंधित 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. जिनमें तीन चीनी नागरिक भी शामिल हैं. यह मामला आर्थिक घोटाले के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से जुड़ा है, जिसकी गहराई से जांच हो रही है.
पांच स्पॉट टीम और स्नाईपर्स की चार टोलियां तैयार
यूपी में एनएसजी की तर्ज पर खतरनाक ऑपरेशन को पूरा करने के लिए साल 2017 में एटीएस की विशेष पुलिस संचालन टीम (स्पॉट) का गठन किया गया था. स्पॉट कर्मियों ने बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी आदि के प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण लिया है. स्पॉट की पांच टीम तैयार हैं, दो टीम प्रशिक्षण ले रही हैं. इसके अलावा यूपी पुलिस की पहली स्नाईपर्स टीम की चार टोलियां तैयार की गई हैं, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने प्रशिक्षण दिया है.