
उत्तर प्रदेश की पुलिस भी गजब है साहब. राजधानी लखनऊ की कमिश्नरेट पुलिस को एक सनसनीखेज हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता, इनामी और अब अदालत से भगोड़ा बदमाश ढूंढे नहीं मिल रहा. जो वांटेड पुलिस को नहीं मिल पा रहा, वह सूबे के ही दूसरे दूसरे जिले में सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें यह बयान करती हैं कि लखनऊ की कमिश्नरेट पुलिस का यह वांटेड अपने गृह जिले में है और नए सिरे से सियासी पारी की शुरुआत भी कर चुका है. हम बात कर रहे हैं धनंजय सिंह की.
जौनपुर के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह 6 जनवरी 2021 की शाम राजधानी लखनऊ के विभूति खंड में कठौता चौराहे पर आजमगढ़ के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की गोलियों से भूनकर हत्या के मामले में वांछित हैं. इस हत्याकांड ने न सिर्फ लखनऊ, बल्कि सूबे की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए थे. सरकार की बेहतर पुलिसिंग के नाम पर शुरू की गई कमिश्नरेट प्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई.

लखनऊ पुलिस ने आनन-फानन में टीमें गठित कर छापेमारी शुरू की और नतीजे भी मिले. मुख्य साजिशकर्ता गिरधारी उर्फ डॉक्टर को पुलिस हिरासत से भागते वक्त लखनऊ पुलिस ने ढेर कर दिया. घटना में शामिल अन्य आरोपियों समेत आठ के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो गई. लखनऊ पुलिस की विवेचना के दौरान जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भी साजिश में संलिप्तता सामने आई. धनंजय सिंह की तलाश में छापेमारी भी हुई.
लखनऊ से लेकर जौनपुर तक पुलिस की टीमें धनंजय सिंह के संभावित ठिकानों पर पहुंचीं और छापेमारी की लेकिन लखनऊ पुलिस के हाथ धनंजय सिंह तक नहीं पहुंच सके.
डीसीपी दे रहे रटा-रटाया बयान
लखनऊ पुलिस ने इस मामले में जौनपुर पुलिस की भी मदद ली. जौनपुर पुलिस भी धनंजय सिंह के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है जिसके बाद 4 मार्च 2021 को धनंजय पर 25000 का इनाम भी घोषित कर दिया गया. बीते 6 जुलाई को ही कोर्ट ने धनंजय सिंह को भगोड़ा भी घोषित कर दिया था.

इस मामले में डीसीपी नॉर्थ संजीव सुमन का रटा-रटाया बयान है कि धनंजय सिंह हमारा वांटेड है और तलाश की जा रही है. टीमें दबिश दे रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ जिला पंचायत के लिए चुनाव के ऐलान से लेकर नामांकन और पत्नी श्रीकला रेड्डी के जिला पंचायत अध्यक्ष बनने तक धनंजय सिंह की जौनपुर से तमाम तस्वीरें सामने आईं.
सोशल मीडिया पर लगातार आ रहीं तस्वीरें
इन तस्वीरों में समर्थक धनंजय सिंह और जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष उनकी पत्नी श्रीकला का स्वागत कर रहे हैं, आशीर्वाद ले रहे हैं, बधाई दे रहे हैं. और तो और, सोशल मीडिया पर हाई स्पीड बाइक चलाते धनंजय सिंह का वायरल हुआ वीडियो भी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद का बताया जा रहा है.

एक तरफ धनंजय सिंह लखनऊ पुलिस को ढूंढे नहीं मिल रहे तो वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर तमाम लोग फोटो डाल कर दावा कर रहे कि हमने इलाके के चहेते नेता धनंजय सिंह का आशीर्वाद लिया और बधाई दी. ऐसे में सवाल उठता है कि जो धनंजय सिंह लखनऊ पुलिस को नहीं मिल रहे वही धनंजय सिंह जौनपुर के लोगों के बीच नजर आ रहे हैं. लोग फोटो सेशन कर सोशल मीडिया पर उनका करीबी होने का दावा ठोक रहे हैं.
राजनीतिक पकड़ धनंजय सिंह की ताकत
धनंजय सिंह के राजनीतिक रसूख को भी समझना जरूरी है. चर्चा है कि यही राजनीतिक पकड़ धनंजय सिंह की ताकत है. जिस जौनपुर की जिला पंचायत सीट सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपने सहयोगी दल अपना दल के लिए छोड़ दिया, उस अपना दल के प्रत्याशी को नामांकन के लिए बीजेपी के स्थानीय नेताओं का साथ नहीं मिला. इसके बाद अपना दल ने बतौर निर्दलीय मैदान में उतरीं धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला के समर्थन का ऐलान कर दिया. नतीजा श्रीकला रेड्डी जौनपुर की निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष बन गईं लेकिन धनंजय सिंह लखनऊ पुलिस के लिए अब भी फरार हैं.