Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता में कई तरह के अपराध (Offence) भी परिभाषित (Define) किए गए हैं. जिनके लिए सीआरपीसी में प्रावधान भी किए गए हैं. इसी प्रकार सीआरपीसी की धारा 183 में ऐसे अपराधों की परिभाषा मिलती है, जिन्हें किसी यात्रा या जलयात्रा के दौरान अंजाम दिया गया हो. चलिए जान लेते हैं कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 183 इस बारे में क्या जानकारी देती है?
सीआरपीसी की धारा 183 (CrPC Section 183)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1975) की धारा 183 के अधीन उस अपराध (Offence) को परिभाषित (Dfine) किया गया है, जो यात्रा (Travel) या जलयात्रा (voyage) के दौरान अंजाम दिया जाता है. CrPC की धारा 183 के मुताबिक, यदि कोई अपराध उस समय किया गया है जब वह व्यक्ति, जिसके द्वारा, या वह व्यक्ति जिसके विरुद्ध, या वह चीज जिसके बारे में वह अपराध किया गया, किसी यात्रा या जलयात्रा पर है, तो उसकी जांच (Inquiry) या विचारण (Trial) ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, जिसकी स्थानीय अधिकारिता में होकर या उसके अन्दर वह व्यक्ति या चीज उस यात्रा या जल यात्रा के दौरान गई है.
इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 182: लेटर या मैसेज के जरिए किए गए जुर्म को परिभाषित करती है ये धारा
क्या है दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC)
दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिये मुख्य कानून है. यह सन् 1973 में पारित हुआ था. इसे देश में 1 अप्रैल 1974 को लागू किया गया. दंड प्रक्रिया संहिता का संक्षिप्त नाम 'सीआरपीसी' है. सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है.
CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है. CrPC में अब तक कई बार संशोधन (Amendment) भी किए जा चुके हैं.