गोरखपुर पिटाई कांड के बाद एक बार फिर से यूपी में पुलिस की कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस मामले में कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता (Manish Gupta) की मौत हो जाने के बाद एसएचओ समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. लेकिन इसी बीच योगी सरकार (Yogi Government) ने एक अहम फैसला लिया है और इसके तहत अगर कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा.
दरअसल, पुलिस के कामकाज और आचरण पर उठते सवालों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने थाने और सर्किल में तैनात आरोपों में घिरे एक-एक पुलिसकर्मी और अधिकारियों की छानबीन कराने का फैसला लिया है. इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस इंटेलिजेंस के डीजी और लॉ एंड ऑर्डर के एडीजीपी की अध्यक्षता में दो अलग-अलग कमेटियां गठित कर दागी पुलिसकर्मियों की लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया है. बताया जा रहा है कि कमेटी की रिपोर्ट के बाद दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है.
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भ्रष्ट पुलिसकर्मी होंगे बाहर!
गुरुवार को सीएम योगी ने एक हाईलेवल मीटिंग की थी. इस मीटिंग में उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस देश की सबसे बड़ी सिविल पुलिस फोर्स है. कई मौकों पर पुलिस ने अपनी दक्षता का शानदार उदाहरण दिया है, लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों के अवैध गतिविधियों में शामिल होने की शिकायतें मिल रहीं हैं. हाल के महीनों कई बड़े अधिकारियों को उनके गलत आचरण के कारण बर्खास्त किया गया है तो कई निलंबित भी हुए हैं. सीएम योगी ने दो टूक शब्दों में गृह विभाग के अपर मुख्स सचिव और डीजीपी से कहा है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त एक भी पुलिसकर्मी यूपी पुलिस का हिस्सा नहीं रहना चाहिए. उन्होंने सबूतों के साथ ऐसे पुलिसकर्मियों की लिस्ट देने के निर्देश दिए हैं.
ऐसे काम करेगी कमेटी
सीएम के आदेश के बाद दो उच्चस्तरीय कमेटियां गठित कर दी गई हैं. डीजी इंटेलिजेंस की अध्यक्षता में गठित कमेटी में एडीजी कानून-व्यवस्था और गृह सचिव बतौर सदस्य होंगे. ये कमेटी एएसपी और डीएसपी पोस्ट के अधिकारियों की स्क्रीनिंग करेगी. जबकि एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की अध्यक्षता वाली दूसरी कमेटी इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के पदों पर तैनात पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग करेंगे. ये कमेटियां ऐसे पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग करेंगी जो पिछले तीन साल से एक ही जिले में तैनात हैं और जिन पर कई तरह के आरोप हैं.