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पुलिस एंड इंटेलिजेंस

मैं और मेरी पत्नी जिंदा हैं साहब...पेंशन दिलवा दीजिए, गुहार लगा रहे बुजुर्ग दंपती

जिंदा बुजुर्ग पति-पत्नी को मृत बता कर बंद कर दी पेंशन.
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मध्य प्रदेश के राजगढ़ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर एक बुजुर्ग पति-पत्नी को कागज पर मृत दिखाकर उनकी पेंशन को बंद कर दिया गया. बुजुर्ग खुद को और अपनी पत्नी को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. बुजुर्ग ने एसडीएम से गुहार लगाकर कहा कि मैं और मेरी पत्नी जिंदा हैं साहब, मुझे मेरी पेंशन दिलवा दीजिए.

मृतक बताकर बंद की पेंशन
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यह अजब गजब मामला राजगढ़ जिले के ब्यावरा जनपद पंचायत के गांव बैलास से आया है. जहां रहने वाले बुजुर्ग बद्रीलाल सोंधिया और उनकी पत्नी सौरम बाई को प्रशासन ने मृत घोषित कर सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाली उनकी वृद्धावस्था पेंशन को बंद कर दिया. चार महीने तक जब वृद्ध बद्रीलाल और उनकी पत्नी सौरम बाई को पेंशन राशी नहीं मिली तो, ग्रामीण वृद्ध बद्रीलाल पेंशन बंद होने का कारण पता करने जब जनपद पंचायत ब्यावरा पहुंचे. उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि मुझे और मेरी पत्नी को 4 महीने से पेंशन नहीं मिल रही है. हमारा गुजारा कैसे चलेगा.

मृतक बताकर बंद की पेंशन
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जनपद पंचायत के कर्मचारी ने पेंशन बंद होने का कारण उसकी और उसकी पत्नी की मौत होना बताया है. यह सुनकर बद्रीलाल हैरान रह गए. पोर्टल पर 15 नवंबर 2020 को दोनों पति बद्रीलाल और सौरम बाई को मृत घोषित कर उनकी पेंशन बंद कर दी गई थी. अब वृद्ध ग्रामीण अपने आपको और अपनी पत्नी को जिंदा साबित करने के लिए कार्यालयों में चक्कर काटता फिर रहा है लेकिन उनको पेंशन योजना का लाभ मिलना शुरू नहीं हो पाया है.

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मृतक बताकर बंद की पेंशन
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हालांकि, अब पीड़ित वृद्ध ने ब्यावरा एसडीएम कार्यालय जाकर एसडीएम निधि सिंह से इसकी शिकायत करते हुए कहा है कि साहब मैं और मेरी पत्नी जिंदा है, हमें पेंशन दिलवाइये. इस पर एसडीएम ने पीड़ित से जल्द पेंशन शुरू कर लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही उन्होंने आजतक से बात करते हुए कहा कि बुजुर्गों को मृत घोषित कर दिया. यह मामला ग्राम बेलास का है अभी थोड़ी देर पहले ही मेरे संज्ञान में आया है. मैंने इसकी जांच के लिए जनपद में भिजवा दिया है. जल्द ही हम इस मामले कुछ निराकरण कर लेंगे. ऐसा क्यों हुआ है या ऐसा किसी ने गलती से किया है तो उस पर कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी.

बुजुर्ग बद्रीलाल सोंधिया कर रहे इंसाफ की मांग.
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बुजुर्ग बद्रीलाल सोंधिया का कहना है कि मेरी बहुत मुश्किल से तो पेंशन जुड़ी थी. कई दस्तावेज देने के बाद पेंशन चालू हो गई. उसके बाद दो 4 महीने मुझे पेंशन नहीं मिली तो जनपद में मैंने धनंजय बाबू से जाकर पूछा. उन्होंने देखकर बताया आप तो मर गए हो. उन्होंने कंप्यूटर से निकाल कर मुझे कागज दिया. आप दोनों यानी पति-पत्नी 15 नवंबर को मर गए हो. मुझे पेंशन नहीं मिली तो मुझे लगा हो सकता है कि इस बार एक साथ मिलेगी. जब दूसरों को पेंशन मिल रही थी तब मुझे पता चला. मुझे इंसाफ का इतंजार है.

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