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सूदखोरों के चंगुल में फंसकर घर- जमीन सब बेचकर भी नहीं चुका कर्ज, सुसाइड नोट में लिखी आपबीती

कन्या महाविद्यालय आर्य समाज भूड़ में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अरुण कुमार सक्सेना सूदखोरों के चंगुल में इस कदर फंसा कि उसका घर, जमीन, जेवर, गाड़ी सब बिक गया लेकिन उसका कर्ज नहीं खत्म हुआ. सूदखोरों ने इस कदर उत्पीड़न किया कि इतना सब कुछ होने के बाद दरवाजे पर आकर उसे बेइज्जत किया. इससे अरुण इस कदर टूट गया कि उसने खुदकुशी कर ली. 

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प्रतिकात्मक फोटो.
प्रतिकात्मक फोटो.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बेग अस्पताल के पास सड़क किनारे मिला शव
  • पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की
  • मौत से पहले अरुण ने मांगी थी पुलिस से मांगी थी मदद

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक दिलदहला देने वाली वारदात सामने आई है. जहां सूदखोरों से तंग आकर एक व्यक्ति ने जान दे दी. कन्या महाविद्यालय आर्य समाज भूड़ में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अरुण कुमार सक्सेना सूदखोरों के चंगुल में इस कदर फंसा कि उसका घर, जमीन, जेवर, गाड़ी सब बिक गया लेकिन उसका कर्ज नहीं खत्म हुआ. सूदखोरों ने इस कदर उत्पीड़न किया कि इतना सब कुछ होने के बाद दरवाजे पर आकर उसे बेइज्जत किया. इससे अरुण इस कदर टूट गया कि उसने खुदकुशी कर ली. 

अरुण ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड लेटर भी लिखा. सुसाइड लेटर में उसने लिखा कि दरवाजे पर सूदखोरों ने इस कदर बेइज्जत किया कि लगता है कि अब जीना बेकार है. बच्चों का ध्यान रखना. मृतक अरुण कुमार सक्सेना प्रेमनगर के आर्य समाज मंदिर भूड़ शाहबाद में विधायक अरुण कुमार के रिश्तेदार के मकान में परिवार सहित किराए पर रहता था. 

प्रेमनगर पुलिस के मुताबिक, अरुण कुमार की तीन बेटियां मुस्कान, खुशी और चुनमुन हैं. सूचना मिली कि बेग अस्पताल के पास सड़क किनारे एक युवक पड़ा हुआ है. पुलिस पहुंची तो युवक मृत अवस्था में मिला. थाना प्रभारी को सूचना दी गई. फोर्स सहित टीम पहुंची, मृतक की तलाशी ली गई तो उसकी जेब से सुसाइड लेटर मिला जिसमें उसने मोबाइल नंबर भी लिख रखा था. मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने घरवालों से संपर्क किया तो आरोपित की शिनाख्त हो सकी. सुसाइड लेटर के साथ आरोपित के पास से एक पेन भी बरामद हुआ. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

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पुलिस के मुताबिक, मृतक की पत्नी का नाम सरिता है. सुसाइड लेटर में अरुण ने लिखा है कि सरिता आज सुबह दरवाजे पर जो मेरी बेइज्जती की गई है. उसके बाद बीबी-बच्चों के सामने जीना बेकार लगता है. मुस्कान, खुशी, चुनमुन का ध्यान रखना. तुमसे और बच्चों से मैं हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं जो मैं इस जन्म में नहीं कर पाया, अगले जन्म में करूंगा. मुस्कान, खुशी, चुनमुन से कहना, बेटा मन लगाकर पढ़ना. तीनों बच्चों को बहुत प्यार. मम्मी-पापा का ध्यान रखना. मैं अपनी मौत का जिम्मेदार खुद हूं. इसके बाद सुसाइड नोट में युवक ने अपना नाम और नंबर भी लिखा.

घटना में चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि मौत से पहले अरुण ने सिलसिलेवार सूदखोरों के बारे में लिखा. बकायदा थाने में तहरीर दी लेकिन, यह तहरीर थाने में दब गई. अरुण ने तहरीर में नौ सूदखोरों के नाम लिखे. सूदखोर जाटवपुरा टायर मंडी, संजय नगर होली चौराहा, कैंट, बदायूं, लाल फाटक, चनेटी के रहने वाले हैं. 

सूदखोरों की पूरी दास्तां बताने के बाद अरुण ने तहरीर की अंतिम लाइन में लिखा कि कृपया मुझे इस दलदल से निकालने की कृपा करें. महान दया होगी लेकिन, अफसोस ऐसा नहीं हो सका. प्रतिलिपि में एसएसपी और आइजी का नाम लिखा. लिहाजा, यदि  पुलिस तहरीर को यदि संजीदगी से लेती तो अरुण की जान बच सकती थी. फिलहाल, पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. एसपी सिटी रविन्द्र कुमार ने बताया कि प्रेमनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. मामले में कार्रवाई की जा रही है.

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