
उत्तर प्रदेश के वाराणसी सहित आसपास के जिलों में लंबे समय से आतंक का पर्याय बने एक लाख के इनामी वॉन्टेड बदमाश दीपक वर्मा को सोमवार की दोपहर एसटीएफ (STF) की वाराणसी इकाई ने एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराया. मृतक बदमाश दीपक लगभग दो दर्जन मुकदमों में वॉन्टेड था. पुलिस काफी समय से उसकी तलाश कर रही थी.
यह एनकाउंटर वाराणसी के चौबेपुर थाने के बरियासनपुर गांव में हुआ. जहां से गोली से लगने से घायल बदमाश को वाराणसी के कबीर चौरा मंडलीय अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
डॉक्टरों और सर्राफा कारोबारियों से रंगदारी वसूलने में माहिर बदमाश दीपक वर्मा आतंक का दूसरा नाम बन चुका था. वाराणसी के लक्सा क्षेत्र के रामापुरा नईबस्ती का कहने वाला दीपक वर्मा पिछले 6 साल से पुलिस के हत्थे नहीं आ रहा था. लेकिन सोमवार उसकी जिंदगी का आखिरी दिन बन गया.
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यूपी एसटीएफ की वाराणसी इकाई को जैसे ही उसके चौबेपुर थाना क्षेत्र के बरियासनपुर गांव से गुजरने की सूचना मिली, वैसे ही एसटीएफ की टीम ने वहां घेराबंदी कर ली. इसी दौरान वहां से मोटरसाइकिल पर सवार होकर गुजर रहे दो संदिग्ध लोगों को एसटीएफ टीम ने रोकने की कोशिश की. लेकिन बाइक सवार बदमाशों ने टीम पर गोली चलाना शुरू कर दिया.

इसके बाद दोनों तरफ से फायरिंग होने लगी. इसी दौरान एक बदमाश को गोली लग गई, जबकि दूसरा बदमाश भागने में सफल हो गया. गोली से घायल बदमाश की पहचान एक लाख के इनामी बदमाश दीपक वर्मा के रूप में हुई. पुलिस को उसके पास से एक मोटरसाइकिल, पिस्टल, कारतूस और कुछ नगद रुपये भी मिले.
वॉन्टेड बदमाश दीपक वर्मा के खिलाफ वाराणसी के लक्सा सहित अन्य थानों और आसपास के जनपदों में भी कुल 23 मुकदमे दर्ज थे. वह वर्ष 2015 से लगातार फरार चल रहा था. घायल दीपक को कबीर चौरा मंडलीय अस्पताल ले जाया गया. लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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पुलिस के मुताबिक कुख्यात बदमाश दीपक वर्मा को गोली चलाने में माहिर माना जाता था. उसके संबंध चर्चित रईस सिद्दीकी गिरोह से थे. पुलिस की मानें तो मृतक दीपक ज्यादातर लूट की घटनाओं को अंजाम दिया करता था.