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टूलकिट केस: दिसंबर से निकिता, दिशा, शांतनु रच रहे थे साजिश, दिल्ली पुलिस का दावा

दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि निकिता, दिशा, शांतनु समेत कई लोग दिसंबर 2020 के पहले सप्ताह से पुनीत के माध्यम से पोएटिक फाउंडेशन के साथ सक्रिय रूप से साजिश रच रहे थे.

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दिल्ली पुलिस (सांकेतिक तस्वीर)
दिल्ली पुलिस (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा
  • निकिता-दिशा और शांतनु दिसंबर से रच रहे साजिश

किसान आंदोलन के नाम पर देश को बदनाम करने वाली टूलकिट पर बड़े बड़े खुलासे हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को 5 दिन की रिमांड पर लेने के बाद जो जानकारियां दी वो चौंकाने वाली हैं. कहा जा रहा है कि साजिश की इस टूलकिट की जाल कनाडा में बैठे खालिस्तानी आकाओं के इशारे पर बुना गया.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि निकिता, दिशा, शांतनु समेत कई लोग दिसंबर 2020 के पहले सप्ताह से पुनीत के माध्यम से पोएटिक फाउंडेशन के साथ सक्रिय रूप से साजिश रच रहे थे. सूत्रों का कहना है कि इन लोगों ने बेसिक मसौदा तैयार करना किया था, जो अंततः टूलकिट में इस्तेमाल किया जाना था.

खालिस्तानी समर्थक मो धालीवाल की करीबी कनाडा की रहने वाली अनीता लाल भी टूलकिट मामले में एक अहम किरदार है और दिल्ली पुलिस की रडार पर है. अनीता लाल वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन की को-फाउंडर भी है. टूलकिट को तैयार करने में अनीता लाल भी शामिल थी. 11 जनवरी को जूम मीटिंग हुई थी, उसमें अनीता लाल भी शालिम थी.

क्या है पूरा मामला
देश के खिलाफ साजिश रचने के टूटकिट केस में पकड़ी गई 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि रिहाई के लिए जहां कल पूरे दिन मांग जोर पकड़ती रही. वहीं शाम होते-होते दिल्ली पुलिस ने साजिश में दिशा के रोल को सबके सामने रख दिया. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, टूलकिट बनाने के तीन किरदार हैं- दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु मुलुक.
 
टूटकिट को शांतनु के बनाए ई-मेल अकाउंट से क्रिएट किया गया था. दिशा और निकिता ने इस डॉक्यूमेंट में एडिट किया था. इसमें चीज़ें जोड़ी थीं और आगे शेयर किया था. दिशा, निकिता और शांतनु खालिस्तानी समर्थक संगठन Poetic Justice Foundation के संपर्क में थे. PJF के मो धालीवाल ने कनाडा की रहने वाली पुनीत नाम की महिला के ज़रिए इन लोगों से संपर्क किया था.

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11 जनवरी को PJF की ज़ूम मीटिंग में निकिता और शांतनु शामिल भी हुए थे. इसमें किसान आंदोलन पर ग्लोबल डे ऑफ एक्शन तय किया गया था. खालिस्तानी समर्थकों के साथ ज़ूम मीटिंग में जो चीज़ें तय की गई थीं, उसी के मुताबिक निकिता, शांतनु और दिशा ने मिलकर टूलकिट का ड्राफ्ट तैयार किया था

मो धालीवाल का मकसद इस आंदोलन को बड़ा बनाना और किसानों के बीच असंतोष फैलाना था. यानी टूलकिट के ज़रिए जो एक्शन प्लान बनाया गया था. उसे अमल में लाने के लिए दिशा, निकिता, शांतनु जैसे लोगों के साथ खालिस्तानी ताकतें लगी थीं. खालिस्तानी समर्थकों के साथ मीटिंग के बाद जो टूलकिट तैयार की गई थी. उस टूलकिट को दिशा रवि ने पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को टेलीग्राम पर भेजा था. 

दिशा रवि ने टूलकिट तैयार करने वाले सदस्यों को जोड़कर एक Whatsapp ग्रुप भी बनाया था, जिसे उसने बाद में डिलीट कर दिया. दिशा रवि ने फोन का काफी डेटा डिलीट कर दिया. दिशा के टेलीग्राम चैट से ये भी पता चला कि गिरफ्तारी से पहले 3 फरवरी को ओनर्स राइट्स लेकर दिशा ने टूलकिट डॉक्यूमेंट्स से जुड़े अकाउंट्स और लिंक भी डिलीट कर दिए थे.

दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग से टूल किट क्यों डिलीट करने को कहा था इसका भी दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है. सूत्रों के मुताबिक डिलीट किए गए टूल किट में दिशा का नाम था. इससे उसे यूएपीए के तहत कार्रवाई का खौफ पैदा हो गया था. अपने वकीलों से बात कर उसने टूल किट को एडिट कर दोबारा ग्रेटा को भेजा था. यानी, दिशा को पता था कि टूल किट में जो सामग्री थी वो विस्फोटक है.

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