दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले से जुड़े आरोपी और डेविड हेडली के करीबी सहयोगी तहव्वुर हुसैन राणा की एक अहम अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. राणा ने अदालत से गुजारिश की थी कि उसे अपने परिवार से टेलीफोन पर बातचीत की अनुमति दी जाए, ताकि वो अपने लिए एक निजी वकील की नियुक्ति कर सके. अदालत इस याचिका पर 7 अगस्त को फऐसला सुनाएगी.
जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में तहव्वुर राणा का पक्ष अदालत में एक कानूनी सहायता वकील रख रहा है. हालांकि, आरोपी का कहना है कि वो अपनी ओर से प्रभावी ढंग से पेश होने के लिए एक निजी वकील रखना चाहता है. इस पर अदालत ने सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) तथा तिहाड़ जेल प्रशासन को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. दोनों पक्षों ने अपनी प्रतिक्रिया अदालत को सौंप दी है.
इससे पहले 10 जुलाई को विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने राणा की न्यायिक हिरासत को बढ़ाते हुए 13 अगस्त तक के लिए आदेश दिया था. यह आदेश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपी को अदालत में पेश किए जाने के बाद दिया गया. इसी मामले में एनआईए ने राणा के खिलाफ एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दायर की थी. इस पर अदालत 13 अगस्त को विचार कर सकती. उसी दिन उसकी आगे की हिरासत पर भी फैसला होगा.
डेविड कोलमैन हेडली का करीबी रह चुका है तहव्वुर राणा
जांच एजेंसी के मुताबिक यह चार्जशीट तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण से जुड़े दस्तावेजों और जांच के दौरान जुटाए गए अतिरिक्त सबूतों पर आधारित है. इसके साथ ही एनआईए ने साल 2011 में दाखिल की गई मूल चार्जशीट से संबंधित दस्तावेजों की आपूर्ति पर अनुपालन रिपोर्ट भी पेश की है. तहव्वुर राणा का नाम 26/11 के मुंबई हमले से सीधे तौर पर जुड़ा रहा है. इस हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली का करीबी माना जाता है.
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तानी आतंकियों ने का हमला
हेडली अमेरिकी नागरिक है. इस साल 4 अप्रैल को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने उसकी प्रत्यर्पण विरोधी याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उसे भारत लाया गया. बताते चलें कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से समुद्री रास्ते भारत पहुंचे 10 आतंकवादियों ने मुंबई में हमला किया था. करीब 60 घंटे तक चले हमले में ताज होटल, ओबेरॉय होटल, शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस यहूदी केंद्र को निशाना बनाया गया था.
मुंबई हमले में 166 लोगों की हत्या, सैकड़ों लोग हुए घायल
इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे. अब सबकी निगाहें 7 अगस्त पर टिकी हैं, जब पटियाला हाउस कोर्ट यह साफ करेगा कि तहव्वुर राणा को अपने परिवार से बातचीत कर निजी वकील रखने की अनुमति दी जाएगी या नहीं. हालांकि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) तथा तिहाड़ जेल प्रशासन ने अपने जवाब में उसे अनुमति नहीं दिए जाने की बात कही है.