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लखनऊ में 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए दारोगा को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ा

लखनऊ में एक दारोगा को रिश्वत की डिमांड महंगी पड़ गई. एंटी करप्शन टीम ने दारोगा को रंगे हाथों घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. अब उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

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फोटो: दारोगा प्रदीप कुमार यादव
फोटो: दारोगा प्रदीप कुमार यादव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लखनऊ में रिश्वत लेते हुए एक दारोगा गिरफ्तार
  • 5 हजार रुपये ली थी रिश्वत, रंगे हाथों पकड़ा गया

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट थाने में तैनात दारोगा प्रदीप यादव को एंटी करप्शन टीम ने बुधवार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया. एंटी करप्शन की टीम ने घूस के तौर पर पांच हजार रुपये भी दारोगा के पास से बरामद किए.

बताया जा रहा है कि चिनहट थाना क्षेत्र में मारपीट के मामले में दारोगा एक शख्स से 10 हजार रुपये घूस मांग रहा था. पीड़ित ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन विभाग से कर दी. एंटी करप्शन लखनऊ यूनिट ने प्लान बनाकर दारोगा को घूस लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया.

दरअसल, चिनहट के गंगा विहार कॉलोनी के निवासी मनोज कुमार मिश्रा के साथ 7 जून को उसके भाई मोहित कुमार ने मारपीट की थी. इस मामले में 8 जून को मनोज ने अपने भाई के खिलाफ चिनहट थाने में मारपीट और धमकाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी. इसकी जांच चिनहट के दारोगा प्रदीप कुमार यादव को दी गई. प्रदीप कुमार संबंधित मामले में धारा बढ़ाने और कार्रवाई करने के लिए 10 हजार रुपये की मांग कर रहा था. मनोज ने 10 हजार रुपये देने से मना करते हुए कहा कि इतनी रकम नहीं दे पाएगा. फिर पांच हजार रुपये पर बात फाइनल हुई.

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इस बीच पीड़ित ने रिश्वत मांगने की शिकायत एंटी करप्शन डिपार्टमेंट से कर दी. उसके साथ एंटी करप्शन की टीम सादे कपड़े में चिनहट थाना पहुंची. दारोगा ने मनोज को पैसे लेकर थाने के सीसीटीएनएस रूम में बुलाया. मनोज ने वहां दारोगा को पांच हजार रुपये दिए, तभी एंटी करप्शन टीम ने प्रदीप यादव को रंगे हाथों पकड़ लिया. डीआईजी (एंटी करप्शन) राजीव मल्होत्रा ने बताया कि दारोगा प्रदीप यादव की शिकायत एंटी करप्शन डिपार्टमेंट को मिली थी. उसे घूस लेते अरेस्ट कर लिया गया है. उसके खिलाफ मामला दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

 

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