नेपाल की राजधानी काठमांडू में बुधवार को हुए प्लेन क्रैश ने पूरी दुनिया को दहला दिया है. इस प्लेन में सवार 19 लोगों में से 18 की मौत हो चुकी है. मरने वालों में से तीन लोग तो एक ही परिवार के हैं. पिछले 10-12 साल की बात करें तो नेपाल शायद दुनिया का इकलौता देश है, जहां औसतन हर साल एक विमान हादसा होता है. हालांकि एक सच ये भी है कि नेपाल ऊंची-ऊंची चोटियों वाले पहाड़ों से घिरा है. मौसम इतनी तेजी से बदलता है कि पता ही नहीं चलता. ऊपर से दुनिया के दस सबसे खतरनाक एयरपोर्ट में काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम भी शामिल है.
आइए दुनिया के सात बड़े हवाई हादसों के बारे में जानते हैं...
31 अक्टूबर, 1999: अमेरिका का लॉस एंजेलस इंटरनेशनल एयरपोर्ट
अमेरिका के लॉस एंजेलस के जॉन एफ कैनेडी एयरपोर्ट से कायरो के लिए उड़ान भरी थी. फ्लाइट 990 में 203 यात्रियों और 14 क्रू मेंबर समेत कुल 217 लोग सवार थे. इस हादसे से पहले जहाज का पायलट भी कॉकपिट से बाहर निकला था. विमान के को-पायलट गामिल अल-बातुती ने कॉकपिट का दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया था. जैसे ही विमान मैसाचुसेट्स के ऊपर पहुंचा उसने नीचे की तरफ गिरना शुरु कर दिया. फिर थोड़ी ही देर में वो एक धमाके साथ क्रैश हो गया था. इस हादसे में भी विमान में सवार सभी लोग मारे गए थे.
29 नवंबर, 2013: नामीबिया का मापुतो इंटरनेश्नल एयरपोर्ट
नामीबिया के मापुतो इंटरनेश्नल एयरपोर्ट से लैम मोज़ाम्बिक एयरलाइंनस का जहाज टीएम 470, 27 लोगों और 6 क्रू मेंबर के साथ खराब मौसम में अंगोला जाने के लिए उड़ान भरता है. लेकिन विमान के 38000 फीट पर पहुंचने के बाद वो अचानक नीचे की तरफ गिरना शुरू हो जाता है. 6 मिनट में ही राडार की ज़द से बाहर हो जाता है. अगले दिन यानि 30 तारीख को पता चलता है कि जहाज क्रैश हो चुका है. उसमें सवार सभी लोगों की मौत हो चुकी है.
जहाज़ का ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि जैसे ही को पायलट टॉयलेट जाने के लिए कॉकपिट से बाहर निकला वैसे ही पायलट हरमिनियो डॉस सैंटॉस फरनैंडस ने कॉकपिट का दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और जहाज़ को क्रैश करा दिया. उस हादसे में भी को-पायलट ने दरवाज़ा खुलवाने की काफी कोशिश की थी, लेकिन पायलट ने दरवाज़ा नहीं खोला.

11 जनवरी, 2021: जकार्ता, इंडोनेशिया
9 जनवरी 2021 को हुए इस हादसे में बोइंग-737 जावा के समुंद्र में गिर गया था. श्रीविजिया एयर के इस विमान ने हादसे के कुछ मिनट पहले ही जकार्ता से उड़ान भरी थी. विमान में 10 बच्चों समेत कुल 62 लोग सवार थे. हादसे में सभी की मौत हो गई.
22 मई, 2020: कराची, पाकिस्तान
ये विमान हादसा 22 मई को पाकिस्तान के कराची में हुआ था. ये विमान पाकिस्तान एयरलाइंस का एयरबस-ए-320 था. विमान में 97 यात्री और 8 क्रू मेंबर्स सवार थे. इस विमान हादसे को पाकिस्तान के इतिहास का सबसे भवायह हादसा माना जाता है..
18 मई, 2016 फ्रांस, पेरिस
इजिप्ट एयरलाइंस का पैसेंजर प्लेन एयरबेस-320 पेरिस के चार्ल्स डी गाउले एयरपोर्ट से मिस्र के कायरो शहर के लिए उड़ान भरता है. प्लेन में 2 पायलट और 5 कू मेंबर सहित कुल 66 लोग सवार थे. लैंडिंग से 20 मिनट पहले ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट जाता है. चंद सेकेंड्स में ये हवाई जहाज़ रात के अंधेरे में समंदर के ऊपर हवा में गुम हो जाता है. हालांकि अब तक इस विमान को और उसमें बैठे मुसाफिरों का कुछ अता पता नहीं चल पाया.

4 फरवरी, 2015: ताइवान
ट्रांसएशिया एयरवेज की उड़ान संख्या जीई 235, 53 मुसाफिरों और 5 क्रू मेंबरों के साथ ताईपेई सोंगशन एयरपोर्ट से किनमेन आईजलैंड के लिए उड़ान भरता है. उड़ान भरने के अगले ही पल पायलट एटीसी को विमान के एक इंजन से आग निकलने की सूचना देता है. कुछ ही सेकेंड में उका एटीसी से संपर्क टूट जाता है. करीब दो मिनट लड़खड़ाने के बाद प्लेन एयरपोर्ट के नजदीक फ्लाइओवर पर लगे एक खंबे से टकराता है. फ्लाईओवर के बराबर नदी में जा गिरता है. हादसे में 43 लोग मारे गए जबकि 17 लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
31 अक्टूबर, 2015: शर्म-अल-शेख इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मिस्र
रूस के सेंट पीट्सबर्ग के लिए रशियन एयरलाइन मेट्रोजेट की उड़ान संख्या KGL9268 ने शर्म अल शेख एयरपोर्ट से उड़ान भरी. विमान क़रीब 30 हज़ार फीट की ऊंचाई पर था. ठीक 23 मिनट गुज़रने के बाद अचानक ही इस प्लेन का संपर्क एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी से टूट गया. इस विमान का भी कोई सुराग नहीं मिलता. लेकिन बाद में पता चलता है कि महज 23 मिनट बाद रूसी प्लेन सिनाई की पहाड़ियों में जा गिरता है. इस हादसे में प्लेन में सवार 224 लोगों की मौत हो गई थी.