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'ये बलात्कारी, हत्यारा, चोर है; इसे फांसी दो...', संदीप घोष को देखते ही चिल्लाने लगे वकील, कोर्ट ने जेल भेजा

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई कोर्ट ने 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच चल रही है. स्पेशल कोर्ट में उनकी पेशी के दौरान वकीलों का एक बड़ा वर्ग उनके खिलाफ नारे लगाता नजर आया.

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पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई कोर्ट ने 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई कोर्ट ने 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई कोर्ट ने 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच चल रही है. स्पेशल कोर्ट में उनकी पेशी के दौरान वकीलों का एक बड़ा वर्ग उनके खिलाफ नारे लगाता नजर आया. प्रदर्शनकारी वकील उनके लिए फांसी की सजा की मांग करते हुए चिल्ला रहे थे.

प्रदर्शनकारी वकीलों ने नारे लगाते हुए कहा, ''संदीप घोष को फांसी की सजा होनी चाहिए. ये बलात्कारी है, हत्यारा है, चोर है. इसे इधर लाओ. चेहरा दिखाओ. इस पर शर्म आती है. यदि हम इसकी जगह होते तो आत्महत्या कर लेते. इसे केवल सात दिनों के लिए हमारे हवाले कर दो. हम इसे सबक सिखाएंगे.'' कोर्ट परिसर में उग्र भीड़ को देखते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच संदीप घोष को जेल ले जाया गया.

उधर, कोलकाता के लालबाजार में पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने के एक सप्ताह बाद सैकड़ों जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन की ओर मार्च किया. पीड़िता के लिए न्याय, घटना को लेकर कोलकाता सीपी और कई स्वास्थ्य अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की है. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने साल्ट लेक के सेक्टर 5 में स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय की ओर मार्च करते हुए झाड़ू भी लगाया.

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प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. सड़क पर बैरिकेड्स लगाए गए. प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार को अपनी पांच मांगों को स्वीकार करने के लिए मंगलवार शाम 5 बजे तक की समयसीमा तय की है. इसमें कोलकाता पुलिस आयुक्त, राज्य स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (डीएचई) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) का इस्तीफा शामिल है. 

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ऐसा न करने पर उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य भवन के सामने धरना देंगे. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों में से एक ने कहा, "हम चाहते हैं कि राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को 'साफ' करे. हम सफाई कार्यक्रम शुरू करने के लिए झाड़ू लेकर जा रहे हैं. हम शाम 5 बजे तक राज्य द्वारा हमारी मांगें पूरी किए जाने का इंतजार करेंगे, ऐसा न होने पर हम धरना शुरू कर देंगे. सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं." 

9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल के सभी अस्पतालों में काम बंद कर दिया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. राज्य सरकार ने दावा किया है कि जूनियर डॉक्टरों के काम बंद रहने के कारण 23 मरीजों की जान चली गई है. कई का इलाज नहीं हो सका है.

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सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि प्रदर्शनकारी डॉक्टर मंगलवार की शाम 5 बजे तक काम पर नहीं लौटते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आंदोलनकारी डॉक्टरों से उनकी शिकायतों के समाधान के लिए सीधी बातचीत की पेशकश की थी. उन्होंने कहा था, "सुप्रीम कोर्ट ने आपसे काम पर लौटने का अनुरोध किया है. मैं उसको दोहराती हूं.''

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बताते चलें कि संदीप घोष के खिलाफ आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने संस्थान में कई मामलों में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें अस्पताल में शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे में भ्रष्टाचार, निर्माण निविदाओं में भाई-भतीजावाद आदि जैसे आरोप लगाए गए थे. इसकी जांच पहले कोलकाता पुलिस को सौंपी गई थी. 

19 अगस्त को संदीप घोष के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया था. इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद 24 अगस्त को सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली थी. उपरोक्त धाराओं के तहत ही संदीप सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें 10 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में भेजा गया.

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