राजस्थान उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण व हत्या मामले में आरोपी पूर्व विधायक मलखान सिंह,सह आरोपी परसराम बिश्नोई व इन्द्रा बिश्नोई की पुलिस कस्टडी में अंतरिम जमानत स्वीकार कर ली है. अधीनस्थ अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने इन्द्रा बिश्नोई की अंतरिम जमानत को बढ़ा दिया है.
अधीनस्थ अदालत द्वारा इन्द्रा बिश्नोई की पुत्र व पुत्री की शादी के लिए 8 अप्रैल से 11 अप्रैल 2021 तक चार दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी.
इस मामले में अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने बताया कि इन्द्रा बिश्नोई के पुत्र वैभव की शादी 05 अप्रैल को व पुत्री सिद्धी की शादी 8 अप्रैल को है जिसके लिए महज चार दिन की अंतरिम जमानत मिली है, जबकि एक मां के अरमानों के साथ शादी की रस्मों के लिए पर्याप्त समय की अंतरिम जमानत आवश्यक है. इस पर न्यायालय ने 04 अप्रैल 2021 को सवेरे दस बजे से 14 अप्रैल 2021 को शाम पांच बजे तक पुलिस कस्टडी में इन्द्रा बिश्नोई को 11 दिन की अंतरिम जमानत दी है.
वहीं, आरोपी मलखान सिंह व सह आरोपी परसराम की ओर से बताया गया कि उनके भतीजे व भतीजी की शादी है. वो दोनों के मामा हैं और शादी में रस्मों रिवाज के लिए उनका उपस्थित रहना आवश्यक है. ऐसे में उच्च न्यायालय ने मलखानसिंह व परसराम को 4 अप्रैल 2021 को सुबह दस बजे से 9 अप्रैल 2021 की सुबह दस बजे तक पुलिस कस्टडी में अंतरिम जमानत स्वीकार कर ली है.
उच्च न्यायालय ने पुलिस कस्टडी के लिए याचिकाकर्ताओं से जेल प्रशासन द्वारा तय शुल्क लेने के भी निर्देश दिये हैं. हालांकि सीबीआई की ओर से स्पेशल पीपी एजाज खान द्वारा अंतरिम जमानत का विरोध किया गया है.
(अशोक सिंह के इनपुट्स के साथ)