दिल्ली पुलिस ने पंजाब के एक 36 वर्षीय एजेंट को गिरफ्तार किया है, जो यात्रा दस्तावेजों में जालसाजी करने और डंकी रूट के जरिए अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश कराने में शामिल है. आरोपी की पहचान पंजाब के पटियाला के मटौली गांव के निवासी नरेश कुमार के रूप में हुई है. उसे अमेरिका से एक भारतीय यात्री को वापस भेजे जाने के बाद गिरफ्तार किया गया.
आरोपी नरेश कुमार ने अन्य एजेंटों के साथ मिलकर फर्जी शेंगेन वीजा की व्यवस्था की थी. इसके बाद में जालसाजी को छिपाने के लिए यात्री के पासपोर्ट के साथ छेड़छाड़ की थी. यह मामला 4 और 5 अप्रैल की रात को तब प्रकाश में आया, जब एक निर्वासित व्यक्ति गुरसाहिब सिंह (39) अमेरिका से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा. उसके यात्रा दस्तावेजों की जांच की गई.
एयरपोर्ट पर मौजूद अधिकारियों ने उसके पासपोर्ट के एक पेज पर गोंद के निशान देखे, जो छेड़छाड़ के संकेत दे रहे थे. पंजाब के तरनतारन जिले के निवासी गुरसाहिब सिंह पर बाद में आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता और पासपोर्ट अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस ने कहा कि गुरसाहिब सिंह ने खुलासा किया है कि साल 2024 में सिंगापुर से भारत लौटने के बाद वो गुरदेव सिंह उर्फ 'गुर्री' नामक एक एजेंट के संपर्क में आया. उसने 20 लाख रुपए के बदले में उसे अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने में मदद करने का वादा किया. गुरसाहिब सिंह ने 17 लाख नकद दिए और 3 लाख एक बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए.
योजना के अनुसार, गुरसाहिब सिंह को यूके, स्पेन, ग्वाटेमाला, मैक्सिको और अंत में तिजुआना सहित कई देशों से होकर भेजा गया, जहां से वह डंकी रूट के जरिए अवैध रूप से अमेरिका में घुस गया. अमेरिका में प्रवेश करने से पहले एजेंटों के एक सहयोगी ने जाली शेंगेन वीजा प्राप्त किया और उसे उसके पासपोर्ट पर चिपका दिया. नकली वीजा को छिपाने के लिए छेड़छाड़ की गई.
इसके बाद गुरसाहिब सिंह को अमेरिकी अधिकारियों ने हिरासत में लिया. तीन महीने की हिरासत में रहने के बाद भारत भेज दिया. उनके आगमन ने जांच शुरू की गई, जिसके परिणामस्वरूप नरेश कुमार की गिरफ्तारी हुई. लगातार पूछताछ के बाद आरोपी एजेंट ने जालसाजी में अपनी भूमिका कबूल कर ली. उसने खुलासा किया कि वो कई वर्षों से ट्रैवल एजेंट है.
उसने कमीशन के आधार पर गुरदेव सिंह के साथ काम करने की बात स्वीकार की है. यात्री से 3 लाख रुपए प्राप्त करने की पुष्टि की है. गुरदेव सिंह अभी फरार है. पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई है. जांचकर्ता नरेश कुमार के बैंक खातों और इसी तरह के मामलों में उसके संभावित संबंधों की भी जांच कर रहे हैं. फिलहाल इस मामले में आगे की जांच जारी है.