scorecardresearch
 

नूपुर शर्मा के खिलाफ आंदोलन में अहम रोल निभाने वाला मौलाना गिरफ्तार, PFI से लिंक होने का आरोप

आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ एक्शन जारी रखा है. ATS ने अब नासिक जिले के मालेगांव से मौलाना इरफान दौलत नदवी को गिरफ्तार किया है. संदिग्ध मौलाना नदवी इमाम परिषद का अध्यक्ष है. नूपुर शर्मा विवाद सामने आने के बाद महाराष्ट्र के कई जिलों में हुए प्रदर्शन में मौलाना नदवी में प्रमुख भूमिका निभाई थी.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़ी जांच के मामले में महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव से छठे संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार शख्स का नाम मौलाना इरफान दौलत नदवी है. एटीएस ने रविवार दोपहर उसे अरेस्ट किया है. 

संदिग्ध मौलाना नदवी इमाम परिषद का अध्यक्ष है. इस मामले में छह संदिग्धों को पहले हिरासत में लिया गया था, जिनकी अब ज्यूडिशियल कस्टडी (न्यायिक हिरासत) चल रही है, सरकारी वकील के दावे के मुताबिक संदिग्ध मौलाना इरफान दौलत नदवी PFI के देशविरोधी काम का सरगना है. 

मौलाना नदवी, जो महाराष्ट्र मौलाना काउंसिल का अध्यक्ष है, उसने अपने पद और प्रतिष्ठा का गलत फायदा उठाते हुये मुस्लिम कम्युनिटी को संदेश दिया कि उनकी कौम खतरे में है. इसलिए उन्हें सशस्त्र विरोध करना चाहिए.

बता दें कि नूपुर शर्मा विवाद सामने आने के बाद महाराष्ट्र के कई जिलों में हुए प्रदर्शन में मौलाना नदवी में प्रमुख भूमिका निभाई थी. मौलाना ने औरंगाबाद, नांदेड़, बीड और अमरावती में नुपूर शर्मा के विरोध में आंदोलन चलाने में बडा रोल निभाया था. उसने मौलाना काउंसिल के सोशल मीडिया उकाउंट से 'गुस्ताख ए नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा' जैसे नारे भी प्रसारित करने का काम किया था. नदवी को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है.

Advertisement

15 राज्यों में एक्टिव है PFI

पीएफआई अभी दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है.

SIMI का नया रूप है PFI

केरल सरकार2012 में केरल सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि PFI और कुछ नहीं, बल्कि प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का ही नया रूप है. PFI के कार्यकर्ताओं के अलकायदा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों से लिंक होने के आरोप भी लगते रहे हैं. हालांकि, PFI खुद को दलितों और मुसलमानों के हक में लड़ने वाला संगठन बताता है.

अप्रैल 2013 में केरल पुलिस ने कुन्नूर के नराथ में छापा मारा और PFI से जुड़े 21 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. छापेमारी में पुलिस ने दो देसी बम, एक तलवार, बम बनाने का कच्चा सामान और कुछ पर्चे बरामद किए थे. हालांकि, PFI ने दावा किया था कि ये केस संगठन की छवि खराब करने के लिए किया गया है. बाद में इस केस की जांच NIA को सौंप दी गई.

भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना मकसद

PFI पर अक्सर धर्मांतरण के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन वो इसे खारिज कर देता है. हालांकि, 2017 में 'इंडिया टुडे' के स्टिंग ऑपरेशन में PFI के संस्थापक सदस्यों में से एक अहमद शरीफ ने कबूल किया था कि उनका मकसद भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना है. जब शरीफ से पूछा गया कि क्या PFI और सत्या सारणी (PFI का संगठन) का छिपा मकसद भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने का है? तो इस पर उसने कहा, 'पूरी दुनिया. सिर्फ भारत ही क्यों? भारत को इस्लामिक स्टेट के बनाने के बाद हम दूसरे देशों की तरफ जाएंगे.'

Advertisement

कहां से आता है PFI के पास पैसा?

ये संगठन मिडिल ईस्ट देशों से 5 साल में 10 लाख रुपये की फंडिंग ले चुका है. ये पैसा उसे हवाला के जरिए आया था.फरवरी 2021 में यूपी पुलिस की टास्क फोर्स ने दावा किया था कि PFI को दूसरे देशों की खुफिया एजेंसियों से फंडिंग होती है. हालांकि, उसने उन देशों का नाम नहीं बताया था.

Advertisement
Advertisement