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60 हजार करोड़ के पर्ल घोटाला मामले में 11 आरोपी अरेस्ट, अलग-अलग राज्यों से सीबीआई ने दबोचा

पर्ल ग्रुप ने 5 करोड़ इन्वेस्टर्स से 60,000 करोड़ रुपए कलेक्ट किए और देशभर में बिना परमिशन के अलग-अलग इन्वेस्टमेंट स्कीम चलाई और इन्वेस्टर्स को धोखा दिया. सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिशा-निर्देश मिलने और जांच पड़ताल करने के बाद सीबीआई ने मेसर्स पीजीएफ लिमिटेड, मेसर्स पीएसीएल लिमिटेड, निर्मल सिंह भूंगू और पर्ल्स ग्रुप के दूसरे डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किया था.

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-सांकेतिक फोटो.
-सांकेतिक फोटो.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 8 जनवरी 2016 को भी कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था
  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने जांच पड़ताल शुरू की थी

पर्ल ग्रुप के 60,000 करोड़ रुपए के घोटाले मामले में सीबीआई (CBI) ने अलग-अलग राज्यों से 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.  ये सभी गिरफ्तारियां दिल्ली, चंडीगढ़, कोलकाता, भुवनेश्वर और कुछ अन्य राज्यों से की गई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की थी.

गिरफ्तार आरोपियों में ये शामिल
आरोपियों में मनमोहन कमल महाजन, मोहनलाल, सेहजपाल, चन्द्र भूषण ढिल्लन, प्रेम नाथ, कंवलजीत सिंह शामिल हैं जो पर्ल ग्रुप से जुड़े हैं. इनके अलावा प्रवीन कुमार अग्रवाल, मनोज कुमार जैन, आकाश अग्रवाल, अनिल कुमार खेमका, सुभाष अग्रवाल, राजेश अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया है, ये सभी व्यापारी हैं.

आरोप है कि पर्ल ग्रुप ने 5 करोड़ इन्वेस्टर्स से 60,000 करोड़ रुपए कलेक्ट किए और देशभर में बिना परमिशन के अलग-अलग इन्वेस्टमेंट स्कीम चलाई और इन्वेस्टर्स को धोखा दिया. सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिशा-निर्देश मिलने और जांच पड़ताल करने के बाद सीबीआई ने मेसर्स पीजीएफ लिमिटेड, मेसर्स पीएसीएल लिमिटेड, निर्मल सिंह भूंगू और पर्ल्स ग्रुप के दूसरे डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू की थी. मामले में सुब्रता भट्टाचार्य, गुरमीत सिंह, निर्मल सिंह भंगू, सुखदेव सिंह को 8 जनवरी 2016 में गिरफ्तार किया गया था और इनके खिलाफ 7 अप्रैल 2016 को चार्जशीट दाखिल की गई थी.

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