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गर्दन, पैर और कमर के निशान बयां कर रहे थे हैवानियत, निक्की मर्डर की कहानी पुलिसवाले की जुबानी

Nikki Yadav Murder Case: निक्की यादव मर्डर केस में क्राइम ब्रांच राजौरी गार्डन में इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने कई चौंकाने वाली बातें बताई हैं. उन्होंने इस वारदात के बारे में मिले पहले इनपुट से लेकर डेडबॉडी की रिकवरी तक डिटेल में बताया. इससे साहिल की काली करतूतों का चिट्ठा सामने आया है.

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निक्की यादव मर्डर केस
निक्की यादव मर्डर केस

दिल्ली के निक्की मर्डर केस में बड़ा खुलासा हुआ है. इस सनसनीखेज वारदात को लेकर क्राइम ब्रांच राजौरी गार्डन में इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने बताया कि 13 फरवरी की रात करीब दस बजे सूचना मिली थी कि साहिल गहलोत ने अपनी गर्लफ्रेंड निक्की यादव का मर्डर करके डेडबॉडी को अपने गांव में कहीं छिपा रखा है. इसकी सूचना उन्होंने सीनियर ऑफिसर्स को दी. तुरंत कार्रवाई का निर्देश मिलने पर वो टीम के साथ ढांसा स्टैंड नजफगढ़ पहुंचे और मुखबिर से जानकारी जुटाई.

पुलिस इंस्पेक्टर सतीश कुमार की जुबानी...

इस दौरान पुलिस की टीम साहिल के घर पहुंची लेकिन वो नहीं मिला. उसका फोन स्विच ऑफ था. रात भर काफी तलाश की गई. इसके बाद सुबह करीब 9 बजे मुखबिर की निशानदेही पर कैर गांव मोड़ के पास Sahil Gahlot पकड़ में आया. शुरुआती पूछताछ में उसने बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया. 

टीम मौके पर पहुंची और डेडबॉडी रिकवर की

बताया कि पुलिस द्वारा सख्ती से पेश आने पर उसने एक-एक कर हैरान कर देने वाली कई बातें कबूल कीं. उसने बताया कि दस फरवरी को निक्की का मर्डर किया था. इसके बाद डेडबॉडी को अपने 'खाओ पिओ ढाबा' के फ्रीजर में रखा था. इस पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और डेडबॉडी रिकवर की. इस दौरान फ्रीजर से काफी बदबू आ रही थी.

जांच में ये भी पता चला कि निक्की ने वारदात वाले दिन काले रंग का टॉप, लाइट मिलिट्री ग्रीन कलर का लोअर और ब्लू कलर के जूते पहने हुए थे. उसकी गर्दन पर निशान थे, जो कि बता रहे थे कि निक्की का गला घोंटा गया था. इसके अलावा पैरों व कमर पर भी निशान थे. जो कि साहिल की बर्बरता और हैवानियत को बयां कर रहे थे. 

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मर्डर के बाद व्हाट्सऐप चैट डिलीट कर दी

साहिल ने पुलिस पूछताछ में दावा किया कि वह दुविधा में था. एक तरफ निक्की उससे शादी कैंसिल करके अपने साथ रहने के लिए कह रही थी. वहीं दूसरी ओर उसके घरवाले उसपर अरेंज मैरिज का दवाब डाल रहे थे. साहिल ने निक्की के मर्डर के बाद उसकी व्हाट्सऐप चैट भी डिलीट कर दी थी. 

एडमिशन लिया और लिव इन में रहने लगे

साहिल और निक्की एक दूसरे को जनवरी 2018 से जानते थे. दोनों की पहचान दिल्ली के उत्तम नगर में कोचिंग करने के दौरान हुई थी. इसके बाद यह जान पहचान प्यार में बदल गई. फरवरी 2018 में निक्की और साहिल ने ग्रेटर नोएडा के एक यूनिवर्सिटी में अलग-अलग कोर्सेस में एडमिशन लिया और लिव इन में रहने लगे. साहिल ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह अपनी सगाई से 15 दिन पहले तक निक्की के साथ रह रहा था.

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निक्की ने साहिल पर शादी तोड़ने का दवाब डाला

ये भी बताया कि दिसंबर 2022 में उसके परिजन उस पर शादी के लिए दबाव डाल रहे थे तो उसने शादी के लिए हां कर दिया. 9 फरवरी को उसकी सगाई और 10 फरवरी को शादी थी. जब उसकी शादी की बात निक्की को पता चली, तो वो नाराज हो गई. निक्की ने साहिल पर शादी तोड़ने का दवाब भी डाला. निक्की ने साहिल की शादी के दिन उसके साथ गोवा जाने का भी प्लान बनाया था. निक्की का टिकट भी हो गया था. लेकिन साहिल का टिकट नहीं हुआ. इसके बाद निक्की ने बस या ट्रेन से हिमाचल जाने का प्लान बनाया.

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सगाई को लेकर निक्की के साथ झगड़ा हुआ

साहिल की सगाई 9 फरवरी को हुई थी. इस दौरान वह काफी खुश था. उसने दोस्तों के साथ डांस और मस्ती भी की. सगाई को लेकर उसका निक्की के साथ झगड़ा भी हुआ. इसके बाद वह रात 1 बजे अपने भाई की कार लेकर निक्की से मिलने उसके फ्लैट पर पहुंचा. जहां वह सुबह 5 बजे तक निक्की के साथ रहा. इस दौरान उसने निक्की को बाहर घुमाने के लिए मनाया.

साहिल कार लेकर कश्मीरी गेट पहुंचा

इस दौरान दोनों की बात हिमाचल जाने की हुई. वे दोनो कार से निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंचे. लेकिन उन्हें पता चला कि उन्हें आनंद विहार से बस पकड़नी पड़ेगी. लेकिन जब वे आनंद विहार पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि उन्हें कश्मीरी गेट ISBT से बस मिलेगी. साहिल कार लेकर कश्मीरी गेट पहुंचा.

इस दौरान दोनों का झगड़ा होने लगा

उधर, शादी के दिन घर में न होने पर साहिल के परिजन भी उसे लगातार फोन कर रहे थे. साहिल ने आखिरी समय में हिमाचल न जाकर घर जाने की बात कही. इस दौरान दोनों का झगड़ा होने लगा. इसके बाद गहलोत ने निक्की का गला घोंट दिया.

निक्की यादव हत्याकांड में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पुलिस रिपोर्ट मांगी है. आयोग का कहना है कि हमें लगता है कि लिव-इन रिलेशनशिप में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं. ऐसी घटनाओं के लिए सिर्फ लड़कियां ही नहीं बल्कि परिवार भी जिम्मेदार होते हैं. यदि लड़कियों को अपना साथी चुनने का अधिकार दिया जाए तो इस प्रकार की घटनाओं में कमी आ सकती है. एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने आगे कहा कि पुलिस और परिवार दोनों को इस तरह की घटनाओं पर ध्यान देना चाहिए. परिवार को लिव-इन रिलेशन को स्वीकार करना चाहिए. हम मामले में सभी जरूरी कार्रवाई करेंगे.

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