मध्य प्रदेश के रीवा में विकास कार्यों के नाम पर शासकीय राशि का बंदरबांट करने वाले 21 पंचायत सचिवों और 16 सरपंचों से 1.79 करोड़ की वसूली के आदेश जारी हुये हैं. इसमें वसूली राशि सचिवों के वेतन से काटकर जबकि सरपंचों की संपत्ति कुर्क की जाएगी.
रीवा जिले की कई ग्राम पंचायतों में विकास कार्य के लिए उपलब्ध कराई गई शासकीय राशि का सरपंच सचिव ने मिलकर जमकर बंदरबांट किया था. इसमें 21 सचिवों और 16 सरपंच दोषी पाए गए. इन्होंने लगभग 1.79 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है.
न्यायालय कलेक्टर ने जिले के इन ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितता संबंधी प्रकरणों में पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत सुनवाई की. साथ ही धारा 92 के तहत वसूली आदेश पारित किया गया था. लेकिन संबंधित पंचायत सचिवों और सरपंचों ने वसूली राशि जमा नहीं की है.
इन्हें कई बार नोटिस दिए गए थे लिहाजा जिला पंचायत सीईओ ने वसूली के आदेश जारी किए हैं. ये वे सरपंच सचिव हैं जिन्होंने कलेक्टर न्यायालय के आदेश के बावजूद वसूली राशि अब तक जमा नहीं की है. लिहाजा सीईओ जिला पंचायत ने सचिवों के वेतन से कटौती और सरपंचों की संपत्ति कुर्क कर राशि जमा कराने का आदेश दिया है. आरआरसी के तहत वसूली के लिए संबंधित तहसीलदारों को निर्देश दिए गए हैं.
सीईओ स्वप्निल वानखेड़े ने बताया कि रमाशंकर दुबे, राम विकल वर्मा, दिलीप साकेत, बाबूलाल कोल, अच्छे लाल पटेल, रामजी सिंह, राम प्रसाद भुजवा, रामजी पटेल, सीताराम मुरई, लालता कोल, रामप्रसाद, अशोक कुमार तिवारी, राजेश मिश्रा, अशोक पांडेय, गोमती प्रसाद पाल, रामप्रसाद, मोतीलाल कोल, छेदीलाल रावत, प्रकाश मिश्रा, महेश त्रिपाठी आदि सचिवों से वसूली की जाएगी. प्रकाश त्रिपाठी और महेश त्रिपाठी सेवनिवित्त हो चुके हैं इसलिए इनकी पेंशन से राशि काटी जाएगी.
नृपेंद्र सिंह, दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी, राज नारायण कोल, गायत्री देवी, रामशिरोमणि, संत कुमार पटेल, दुर्गा प्रसाद कोटवार, पुष्पा पांडेय, सलिल तिवारी, सियावती साकेत, देवकली, कमलेश्वर सिंह, बिटोल, मोतीलाल, पन्नालाल, कोइली आदि सरपंचों की संपत्ति कुर्क होगी.
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