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कंझावला हिट एंड रन केस: अंजलि के परिवार को 36.69 लाख मुआवजा, 2 साल पहले हुई थी मौत

दिल्ली की सड़कों पर हुई उस दर्दनाक घटना को याद कर आज भी रूह कांप जाती है, जब 20 साल की अंजलि को एक कार ने 13 किलोमीटर तक घसीटा था. डेढ़ साल बाद मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने उसके परिवार को 36.69 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है.

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दिल्ली में सुल्तानपुरी से कंझावला तक कार के नीचे घसीटी गई थी अंजलि. (File Photo: ITG)
दिल्ली में सुल्तानपुरी से कंझावला तक कार के नीचे घसीटी गई थी अंजलि. (File Photo: ITG)

दिल्ली के कंझावला हिट एंड रन केस में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने बड़ा फैसला सुनाया है. इस मामले में मौत का शिकार बनी अंजलि सिंह के परिवार को 36.69 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है. इसके साथ ही यह भी माना कि इस हादसे की वजह ड्राइवर की लापरवाही थी. उसने नशे में धुत्त होकर तेज रफ्तार से ड्राइविंग की थी.

27 अक्टूबर को जारी आदेश में ट्रिब्यूनल ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों से साफ साबित होता है कि नशे में गाड़ी चलाने वाले की जल्दबाजी और उसकी लापरवाही न सिर्फ हादसे का कारण बनी, बल्कि उसके बाद जो कुछ हुआ उसकी पूरी जिम्मेदारी भी उसी पर है. ट्रिब्यूनल ने कहा कि ड्राइवर अमित खन्ना के पास उस वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था.

आरोपी शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था. आदेश में लिखा गया है, ''रेस्पोंडेंट 1 (अमित खन्ना) अपनी लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण मृतका की मौत के लिए प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार है.'' अंजलि सिंह के परिवार ने इस घटना के बाद मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी, जिसमें मौत के लिए मुआवजे की मांग की थी. 

ट्रिब्यूनल ने सभी साक्ष्यों, पुलिस चार्जशीट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद पाया कि यह पूरी तरह लापरवाही का मामला था. ट्रिब्यूनल ने यह भी माना कि आरोपी की कार के मालिक लोकेश प्रसाद शर्मा की भी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि वाहन उनके नाम पर रजिस्टर था. उन्होंने ड्राइवर को पर्याप्त जिम्मेदारी नहीं दी थी.

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ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया कि जिस कार से यह हादसा हुआ था, वह बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड से इंश्योर्ड थी. इसलिए कंपनी को निर्देश दिया गया कि वो पूरी राशि 30 दिनों के भीतर ट्रिब्यूनल में जमा करे ताकि पीड़ित परिवार को राहत दी जा सके. सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि ड्राइवर ने हादसे के बाद गाड़ी नहीं रोकी. 

उसने रोकने के बजाय गाड़ी को लगातार चलाते हुए अंजलि को लगभग 13 किलोमीटर तक घसीटा. इस दौरान कई चश्मदीदों ने गाड़ी को रोकने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे. साल 2023 में पहली जनवरी को 20 साल की अंजलि सिंह सुल्तानपुरी से कंझावला की सड़क पर मौत के पहियों के नीचे 13 किलोमीटर तक घसीटती चली गई थी. 

यह केस दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम को सौंपा गया था. उसने बाद में चार्जशीट में स्पष्ट किया कि यह हादसे से अधिक, एक गंभीर आपराधिक लापरवाही का मामला था. ट्रिब्यूनल के इस फैसले को अंजलि के परिवार ने आंशिक न्याय कहा है. उनका कहना है कि पैसे से बेटी वापस नहीं आ सकती, लेकिन आरोपी की जवाबदेही तय हुई है.

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