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बहरीन से लौटा, दिल्ली में पकड़ा गया... झारखंड के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर को पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ एक कुख्यात गैंगस्टर आखिरकार कानून के शिकंजे में आ ही गया. हत्या, रंगदारी, जानलेवा हमले सहित कई आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त और वांछित गैंगस्टर निशार हसन उर्फ निशार हुसैन उर्फ निशु को जमशेदपुर पुलिस ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ एक कुख्यात गैंगस्टर आखिरकार कानून के शिकंजे में आ ही गया. हत्या, रंगदारी, जानलेवा हमले सहित कई आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त और वांछित गैंगस्टर निशार हसन उर्फ निशार हुसैन उर्फ निशु को जमशेदपुर पुलिस ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया. उस पर झारखंड सरकार ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था.

पुलिस को सूचना मिली थी कि गैंगस्टर निशार हसन बहरीन से भारत लौट रहा है. इसके बाद पुलिस आईजीआई एयरपोर्ट पहुंच गई. निशार जैसे ही इमिग्रेशन काउंटर पर पहुंचा, पहले से सतर्क सुरक्षा एजेंसियों ने उसे दबोच लिया. जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पीयूष पांडे ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उनका कहना है कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी लुकआउट नोटिस के आधार पर की कार्रवाई की गई है.

दो हत्याओं में मुख्य आरोपी

एसएसपी पीयूष पांडे ने बताया कि निशार हसन बिष्टुपुर थाना क्षेत्र के साउथ पार्क का रहने वाला है. वो लगभग दो साल पहले साकची थाना क्षेत्र में स्वर्णरेखा नदी के पास पवन यादव की गोली मारकर हत्या करने के मामले में मुख्य आरोपी है. इस केस में पहले ही नौ अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए हथियार भी बरामद किए जा चुके हैं. इसी बीच निशार झारखंड से फरार हो गया.

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दहशत फैलाने की कोशिश

फरार रहने के दौरान भी निशार की आपराधिक गतिविधियों पर विराम नहीं लगा. साल 2023 में उसने मानगो थाना क्षेत्र के गुरुद्वारा रोड पर राजा सिंह की हत्या की वारदात को अंजाम दिया. इसके अलावा बोड़ाम थाना अंतर्गत डिमना झील के पास आशुतोष ओझा उर्फ अंशु पर जानलेवा हमला भी उसी की करतूत मानी जा रही है. वो जमीन के सौदों से जुड़े लोगों से रंगदारी वसूलने में भी संलिप्त था. 

लुकआउट सर्कुलर था जारी

दुमका जिले में गैंगस्टर अमरनाथ सिंह की हत्या के बाद उसने अपने गिरोह को फिर से सक्रिय करने की कोशिश शुरू कर दी थी. पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते बहरीन भागने के बाद भी वो वहीं से गिरोह के संचालन की कोशिश कर रहा था. पूर्वी सिंहभूम पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को उसकी गतिविधियों की जानकारी दी थी, जिसके आधार पर उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया था. 

हाई अलर्ट पर थी पुलिस 

यही लुकआउट सर्कुलर निशार हसन की गिरफ्तारी में सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ. वो जैसे ही भारत लौटा, आईजीआई एयरपोर्ट पर उसे हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर जमशेदपुर लाया गया. निशार के खिलाफ आईपीसी, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत सात संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. 

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