झारखंड के खूंटी जिले में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनमें कुख्यात नक्सली ओझा पाहन भी शामिल है, जो लंबे वक्त से पुलिस को चकमा दे रहा था. गिरफ्तार आरोपियों के पास से हथियार, गोला-बारूद और धमकी देने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मोबाइल फोन भी बरामद हुआ है.
यही नहीं पुलिस को पेट्रोल से भरी एक बोतल भी मिली है, जिसे निर्माण कार्यों में लगे वाहनों को जलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि पीएलएफआई के सदस्य खूंटी और आसपास के इलाकों में सरकारी ठेकेदारों को धमकाकर जबरन वसूली की कोशिश कर रहे हैं. इसी आधार पर तोरपा एसडीपीओ क्रिस्टोफर केरकेट्टा की अगुवाई में रविवार देर रात रानिया के जिबिलोंग टांगरी इलाके में छापा मारा गया. पुलिस टीम ने मौके से ओझा पाहन समेत चार नक्सलियों को दबोच लिया.
खूंटी के एसपी मनीष टोप्पो ने बताया कि ओझा पाहन खूंटी, रांची और गुमला जिलों के अलग-अलग थानों में करीब 10 मामलों में वांछित था.
पुलिस के लिए सिरदर्द था पाहन
इसके साथ ही ओझा पाहन पहले भी वाहनों को आग के हवाले करने और ठेकेदारों को धमकाने के आरोप में जेल जा चुका है. गुमला का रहने वाला पाहन कई बार पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था. गिरफ्तार अन्य तीन नक्सलियों की पहचान जेवियर कोंगाडी (29), संतोष कोंगाडी (27) और जिबुनस आइंद (31) के रूप में हुई है. तीनों खूंटी जिले के रहने वाले हैं.
पुलिस ने उनके पास से दो हथियार, कारतूस, नक्सली साहित्य और एक मोबाइल फोन बरामद किया है. ठेकेदारों और कारोबारियों को धमकाया जाता था.
इस काम में पेट्रोल बम का इस्तेमाल
एसपी ने बताया कि नक्सलियों के पास से बरामद पेट्रोल की बोतल का इस्तेमाल निर्माण कार्यों में लगे वाहनों को जलाने के लिए किया जाना था. लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया. इस कार्रवाई से खूंटी और आसपास के जिलों में पीएलएफआई की पैठ कमजोर पड़ने की संभावना है. पुलिस अब गिरफ्तार नक्सलियों से पूछताछ कर सक्रिय नक्सलियों की तलाश कर रही है.