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दिल्लीः 15 दिन पहले ही सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ UAPA में दर्ज हुआ था केस

सिख फॉर जस्टिस के चीफ आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने लाल किला पर झंडा फहराने वाले को 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर देने का ऐलान किया था. सिख फॉर जस्टिस भारत में प्रतिबंधित संगठन है.

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अलगाववादी संगठन है सिख फॉर जस्टिस (सांंकेतिक फोटो)
अलगाववादी संगठन है सिख फॉर जस्टिस (सांंकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुरुपतवंत सिंह आतंकी घोषित है
  • खालिस्तान को लेकर आवाज उठाता है
  • संगठन की ओर से दी गई थी धमकी

किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. इस बीच जानकारी मिली है कि दिल्ली स्पेशल सेल ने देश विरोधी संगठन सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ UAPA और देशद्रोह की धाराओं में केस दर्ज किया है. ये मामला 15 दिन पहले दर्ज किया गया था. सिख फॉर जस्टिस संगठन को आईएसआई द्वारा फंडिंग की जाती है.  

बताया जा रहा है कि अलगाववादी खालिस्तानी संगठन, सिख फॉर जस्टिस के चीफ आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने लाल किला पर झंडा फहराने वाले को 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर देने का ऐलान किया था. संगठन की ओर से दो हफ्ते पहले ही कई लोगों के पास ऐसी कॉल आनी शुरू हो गई थी कि वह 26 जनवरी को कोई बड़ा कदम उठाने जा रहा है. 

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जानकारी के मुताबिक, सिख फॉर जस्टिस संगठन के आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की ओर से ये फोन कॉल किया गया था. जिसमें कहा गया कि अगर किसानों की ट्रैक्टर रैली में कोई हिंसा होती है, तो उसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी.

प्रतिबंधित संगठन है SFJ

सिख फॉर जस्टिस भारत में प्रतिबंधित संगठन है, जिसका नाम पहले भी किसानों के आंदोलन से जुड़ता रहा है. बताया जा रहा है कि ये फोन कॉल 13477934761 नंबर से आया था. जिसमें कहा गया था, 'सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के किसान जुटे हैं, हम कोई हिंसा नहीं चाहते हैं. लेकिन अगर 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में कोई हिंसा हुई तो उसके लिए भारत ही जिम्मेदार होगा.’

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बता दें कि कुछ वक्त पहले ही भारत सरकार ने गुरुपतवंत सिंह को आतंकी घोषित किया था. लंबे वक्त से वो खालिस्तान को लेकर आवाज बुलंद करने का काम कर रहा है.

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