
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस एक्शन में नजर आ रही है. मामले को लेकर अब तक करीब दो दर्जन एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. कई किसान नेताओं पर भी एफआईआर दर्ज की है. इनमें राकेश टिकैत, डॉ. दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है.
इसके अलावा दिल्ली पुलिस की सबसे अधिक नजर लाल किले पर झंडा फहराने की घटना पर है. दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट स्पेशल सेल की कई टीमें लाल किले में झंडा फहराने वाले की तलाश में है. लालकिला पर जिसने झंडा लगाया, उस युवक की पहचान जुगराज सिंह (22) के रूप में हुई, वह तरनतारन के गांव तारा सिंह का रहने वाला है.

इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना की तलाश तेज कर दी है. कई टीमें लाल किले की तमाम फुटेज खंगाल रही है. लाल किले में हुए उपद्रव के मामले में कोतवाली थाने की एफआईआर में दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना का नाम है. दीप सिद्धू को किसान संगठनों ने आरएसएस का एजेंट बताया था.
खुश है जुगराज सिंह का परिवार
लाल किले पर नानक साहिब फहराने वाले जुगराज सिंह के परिजन खुश हैं. युवक के पिता और दादा खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके बेटे ने बहादुरी दिखाई है और वह इससे खासे खुश है. परिवार की एक वीडियो भी बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें युवक के पिता और दादा खुशी जता रहे हैं.
अंडरग्राउंड हो गया है दीप सिद्धू
लाल किले पर उपद्रव के बाद दीप सिद्धू मौके से फरार हो गया. उसने अपना मोबाइल फोन बंद भी कर दिया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 26-27 जनवरी की दरमियानी रात 12 से 12:30 बजे के बीच फोन बंद हुआ है. दीप सिद्धू का लास्ट लोकेशन हरियाणा का नेटवर्क दिखा रहा है. दीप सिद्धू अंडरग्राउंड हो गया है.
दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं पर लगाए संगीन आरोप
दिल्ली पुलिस ने हिंसा के पीछे किसान नेताओं पर संगीन आरोप लगाए हैं. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि किसान नेता सतनाम सिंह पन्नु ने भड़काऊ भाषण दिया तो वहीं दर्शनपाल सिंह ने रूट फॉलो नहीं किया. पुलिस का कहना था कि किसानों ने दिए गए रूट को फॉलों नहीं किया, ट्रैक्टर रैली को लेकर जो शर्तें रखी गई थी उसका उल्लंघन किया गया.
किसान आंदोलन के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका
दिल्ली में आईटीओ और लाल किले में हुई हिंसक घटनाओं को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका में किसान आंदोलन को ख़त्म करने और दिल्ली के रास्तों को आम आदमी के लिए साफ करवाने की अपील की गई है.. याचिका में यह भी मांग की गई है कि हिंसा को रोकने में विफल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.