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दिल्ली की अदालत ने कहा- पूर्व यौन संबंध का मतलब सहमति नहीं

यौन अपराधों के लिए फास्ट ट्रैक अदालत के प्रभारी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय खनगवाल की अदालत ने मुंबई के एक पत्रकार वरुण हिरेमथ को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. जिस पर दिल्ली में एक होटल के कमरे में एक महिला से बलात्कार करने का आरोप है.

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पीड़िता ने अदालत को बताया कि उसके आरोपी के साथ पूर्व संबंध थे
पीड़िता ने अदालत को बताया कि उसके आरोपी के साथ पूर्व संबंध थे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली के होटल में हुआ था महिला संग रेप
  • मुंबई का रहने वाला है आरोपी पत्रकार वरुण
  • आरोपी और पीड़िता के बीच है पुरानी पहचान

दिल्ली की एक अदालत ने एक महिला से बलात्कार के मामले में आरोपी पत्रकार को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता के साथ पूर्व में यौन संबंध का होना रेप की "सहमति नहीं देता है."

यौन अपराधों के लिए फास्ट ट्रैक अदालत के प्रभारी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय खनगवाल की अदालत ने मुंबई के एक पत्रकार वरुण हिरेमथ को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. जिस पर दिल्ली में एक होटल के कमरे में एक महिला से बलात्कार करने का आरोप है.

हिरेमथ ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में तर्क दिया था कि शिकायतकर्ता के साथ उसके पुराने संबंध थे और उसने दावा किया था कि पीड़िता ने उसके साथ होटल के कमरे में जाने के लिए सहमति दी थी. आरोपी वरुण ने पीड़िता के साथ पुराने रिश्ते को दिखाने के लिए अपनी पुरानी व्हाट्सएप चैट भी अदालत के सामने पेश की. 

शिकायतकर्ता ने हालांकि अदालत को बताया कि 2017 के बाद से ही वो हिरेमथ की दोस्त रही और उन दोनों के बीच यौन संबंध भी थे. आरोपी ने उसे दिल्ली में मिलने के लिए बुलाया था. क्योंकि वो अपने परिवार के साथ यहां एक शादी में आया हुआ था.

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एक रेस्तरां में मिलने के बाद, आरोपी वरुण ने उसे अपने होटल में इनवाइट किया, लेकिन पीड़िता ने किसी भी तरह के यौन संबंध के लिए सहमति नहीं दी. उसने यह भी आरोप लगाया है कि जब वे होटल के कमरे में पहुंचे, तो आरोपी ने उसे कुछ सेक्सुअल एक्टिविटी के लिए मजबूर किया. पीड़िता उस वक्त आरोपी के अग्रेशन और उत्तेजना से डर गई. उसे डर था कि कहीं आरोपी उसे कोई चोट ना पहुंचा दे, इसलिए इसने ऐसा किया.

दलीलों के दौरान, शिकायतकर्ता ने अपने वकीलों सिद्धार्थ और जय देहराई के माध्यम से उस घटना के दिन की व्हाट्सएप चैट भी अदालत को दिखाई, जिसमें आरोपी उस कृत्य के लिए माफी मांगता दिख रहा है.

अदालत ने उल्लेख किया है कि अग्रिम जमानत के शुरुआती चरण में दोनों पक्षों की दलीलों की हकीकत ट्रायल का सबब होगी. पिछले रिश्ते की वजह "सहमति नहीं हो सकती है."

अदालत ने आगे कहा है कि "भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 53ए के मद्देनजर जो कुछ मामलों में चरित्र या पिछले यौन अनुभवों का सबूत प्रासंगिक नहीं होता है. इसमें धारा 376 के तहत किए अपराध भी शामिल हैं. यह प्रावधान विशेष रूप से दिखाता है कि किसी भी व्यक्ति के साथ पिछले यौन संबंध ऐसी सहमति या सहमति की गुणवत्ता के मुद्दे पर प्रासंगिक नहीं होंगे."

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बता दें कि इसी साल 20 फरवरी को यह कथित घटना हुई थी, और 23 फरवरी को इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोपी वरुण हिरेमथ, एक फार्मास्यूटिकल कंपनी के मालिक का बेटा है. वह इस घटना के बाद से ही फरार चल रहा है. पुलिस ने 4 मार्च को उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया है. 

सूत्रों के मुताबिक, उसके ठिकाने की जानकारी देने वाले को इनाम देने की घोषणा भी की गई है. पुलिस ने उसकी तलाश के लिए मुंबई, दिल्ली और सूरत में छापेमारी भी की है.

 

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