कई लोग 'सेक्स' का मतलब 'इंटरकोर्स' समझ लेते हैं. लेकिन अगर सेक्स में बेहद संतुष्टि की बात करें तो यह जरूरी नहीं है कि वह पेनेट्रेशन तक ही सीमित रहे. अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सेक्शुअल हेल्थ प्रमोशन के डायरेक्टर डेब्बी हर्बेनिक की ओर से की गई एक स्टडी के मुताबिक, 36 फीसदी महिलाएं इंटरकोर्स से संतुष्ट नहीं होतीं हैं और उन्हें क्लिटरल स्टिमलेशन की जरूरत होती है. आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें...
सर्वे में 18 से 94 साल की 1055 महिलाओं को शामिल किया गया था. सर्वे में सिर्फ 18 फीसदी महिलाओं ने माना कि उन्हें वजाइनल पेनेट्रेशन से क्लाइमेक्स हासिल होता है.
सर्वे में 36 फीसदी महिलाएं इंटरकोर्स से संतुष्ट नहीं होतीं और उन्हें क्लिटरल स्टिमलेशन की जरूरत होती है. अन्य 36 फीसदी महिलाओं ने कहा कि क्लिटरल स्टिमलेशन से उन्हें अधिक सुख हासिल हुई.
थेरेपिस्ट लॉरी मिन्ट्ज के मुताबिक, काफी महिलाएं इंटरकोर्स के दौरान ऑर्गेज्म को लेकर झूठ बोलती हैं. इसकी वजह ये है कि ये महिलाएं अपने पार्टनर के सामने नॉर्मल फील करना चाहती हैं ताकि उन्हें अच्छा लगे.
सेक्शुअल काउंसिलर और एजुकेटर अनिता होफर कहती हैं कि जो महिलाएं सिर्फ इंटरकोर्स से सुख हासिल नहीं कर पातीं, या तो उन्हें मालूम नहीं होता है या फिर वे असुरक्षित होती हैं और इसके बारे में खुलकर बात करने में शर्म महसूस करती हैं.
क्या ऑर्गेज्म भी अलग-अलग तरह के होते हैं, सर्वे में शामिल 78 फीसदी महिलाओं ने इसका जवाब हां में दिया. 5 में से एक महिला ने कहा कि उन्हें लगता है कि अगर सेक्स की टाइमिंग लंबी हो तो उन्हें बेहतर ऑर्गेज्म हासिल होता है.