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Maharashtra: ठाणे में चाकू की नोंक पर नाबालिग लड़की से बलात्कार, 6 साल बाद अपराधी को 20 साल की सजा

महाराष्ट्र के ठाणे में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार करने के जुर्म में एक अपराधी को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. ये वारदात साल 2019 में हुई थी. भिवंडी अदालत में जिला न्यायाधीश एनके करांडे ने मंगलवार को अपने आदेश में आरोपी लल्ला महमूद शाह को दोषी ठहराया.

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नाबालिग लड़की से बलात्कार के जुर्म में अपराधी को 20 साल कठोर कारावास की सजा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नाबालिग लड़की से बलात्कार के जुर्म में अपराधी को 20 साल कठोर कारावास की सजा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

महाराष्ट्र के ठाणे में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार करने के जुर्म में एक अपराधी को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. ये वारदात साल 2019 में हुई थी. भिवंडी अदालत में जिला न्यायाधीश एनके करांडे ने मंगलवार को अपने आदेश में आरोपी लल्ला महमूद शाह को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया. उस पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

न्यायाधीश एनके करांडे ने ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने भिवंडी के निवासी आरोपी के खिलाफ सभी आरोपों को उचित संदेह से परे सफलतापूर्वक साबित कर दिया है. सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक विजय मुंडे और कादम्बिनी खंडागले ने अदालत को बताया कि आरोपी ने 22 अगस्त, 2019 को 14 वर्षीय लड़की के घर में घुसकर चाकू की नोंक पर उसके साथ बलात्कार किया. इस वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो गया.

उन्होंने पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि आरोपी द्वारा लड़की पर यह दूसरा यौन उत्पीड़न था, जबकि पहला यौन उत्पीड़न आठ दिन पहले हुआ था. अधिवक्ता मुंडे और खंडागले ने बताया कि आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए अदालत ने पीड़िता, उसकी मां और दादी सहित पांच गवाहों से पूछताछ की थी. इस मुकदमे की समाप्ति के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया. उसे 20 साल की सजा सुनाई.

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बताते चलें कि मार्च में ठाणे जिले की अदालत ने 30 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार के मामले में दो व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. ये वारदात साल 2017 में हुई थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वसुधा एल भोसले ने सुरेश पांडुरंग गोसावी (40) और उमेश उर्फ ​​राकेश झाला (39) को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दोषी पाया था. अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ 55 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था. 

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी. आरोपी पीड़िता को मुआवजे के रूप में 40 हजार रुपए का भुगतान करेंगे. कानून के अनुसार पीड़िता को मुआवजा देने के लिए मामले को डीएलएसए को भेज दिया गया था. अतिरिक्त सरकारी अभियोजक वर्षा चंदाने और राजेंद्र पी पाटिल ने अदालत को बताया कि पीड़िता एक स्टोर में मैनेजर के रूप में कार्यरत थी. 19 दिसंबर 2017 की शाम को पीड़िता काम करके कैब से घर लौट रही थी. 

कैब में दूसरा आरोपी पहले से ही आगे की सीट पर बैठा था. आरोपी कैब ड्राइवर ने कुछ दूर तक गाड़ी चलाई और कार रोक दी. इसके साथ ही दोनों ने कहा कि कार का टायर पंचर हो गया है. हालांकि, इसके बाद दोनों ने महिला को लूटना शुरू कर दिया. मोबाइल और गहने लूटने के बाद उसके साथ बलात्कार किया. इसके बाद मौके से दोनों फरार हो गए. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने सभी आरोपों को सफलतापूर्वक साबित कर दिया. 

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