धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था. उस पर बड़े स्तर पर धर्मांतरण रैकेट चलाने का आरोप है. कई ऐसे चौंकाने वाले केस सामने आ रहे हैं जिसके तार सीधे तौर पर कलीम सिद्दीकी से जुड़ रहे हैं. अब आजतक को चार ऐसे मामले मिल गए हैं जहां पर धर्मांतरण भी हुआ, लोगों को भड़काया भी गया और कई को गुमराह करने का काम हुआ.
धर्मांतरण के चौंकाने वाले मामले
पहला मामला राजस्थान के अलवर के रहने वाले मेंमचंद से जुड़ा है. मेंमचंद का धर्मांतरण किया गया था और उसे बाद में मोहम्मद अनस की पहचान दे दी गई. मेंमचंद का कहना है कि दावत ए इस्लाम ट्रस्ट में कलीम सिद्धकी और उसके लोग धर्म परिवर्तन का काम चलाते हैं. हिंदू धर्म का नाम गलत तरीक़े से भड़का कर विरोध में धर्म परिवर्तन कराते हैं. मेमचंद ने आगे बताया कि नक्शा सुलेमानी नाम की किताब कलीम सिद्धकी और अबू बकर ने उसको दी थी. उस किताब में तंत्र-मंत्र के जरिए कैसे लड़कियों को फंसाया जाए, इन तमाम चीजों की जानकारी दी गई थी.
मेंमचंद के मुताबिक उसे जम्मू-कश्मीर भी भेजा गया था. वहां पर उसे जवानों पर पत्थरबाजी का काम सौंपा गया था. लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया. इसके अलावा मेंमचंद को फर्जी पासपोर्ट के जरिए कलीम सिद्धकी और अबू बकर ने हज करने के लिए भी भेज दिया था. मेमचंद ने अपनी तस्वीर दिखाते हुए बताया कि तत्काल प्रभाव से यह लोग वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड भी मोहम्मद अनस के नाम से बनवा दिया करते थे. मेमचंद ने यह भी बताया कि दलितों को सबसे ज्यादा टारगेट किया जाता है. उसके मुताबिक विदेशों से पैसा इतनी ज्यादा मात्रा में आता है कि लोग जमीन खरीद कर भी इनका धर्म परिवर्तन करआते हैं.
पैसों का लालच दे रैकेट चलाने का आरोप
अब मेंमचंद संग तो धोखा हुआ ही, बरोटा जिला के मनोज कुमार भी इस रैकेट का शिकार हुए. मनोज का भी धर्म परिवर्तन किया गया था. उसका भी नाम बदला गया, उसे भी भड़काया गया. अब मनोज के पिता रमेश इसके लिए कलीम सिद्दीकी को जिम्मेदार मानते हैं. उनके मुताबिक मनोज को पहले कलीम से मिलवाया गया था और फिर पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवा दिया गया.
तीसरा मामला मेवात का है जहां पर शोएब उर्फ उर्फ साहिल के भाई का धर्मांतरण किया गया था. भाई ने जानकारी दी कि इस काम में अबू बकर और कलीम सिद्धकी ने सक्रिय भूमिका निभाई थी. बताया गया कि अबू बकर और कलीम सिद्धकी पहले नौजवान मुस्लिम लड़कों ढूंढते थे और बाद में उनकी शादी हिंदू लड़कियों से करवा दिया करते थे. साहिल के भाई की माने तो शादी करवाने के बाद लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाया जाता था.