बिहार की राजधानी पटना से एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पटना पुलिस ने मानव तस्करी के एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए बच्चियों को बहला-फुसलाकर राजस्थान और हरियाणा में बेचने वाली महिला तस्कर को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार महिला की पहचान बिंदा कुंअर उर्फ मीरा के रूप में हुई है, जिसे आरा (भोजपुर) से गिरफ्तार किया गया है.
सिटी एसपी पटना पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि इस गिरोह की मुख्य सरगना मीरा थी. वो अब तक कई नाबालिग बच्चियों की तस्करी कर चुकी है. इस रैकेट का खुलासा एक घटना के बाद हुआ है. 19 जून को दानापुर थाना क्षेत्र से एक बच्ची के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए एसआईटी गठित की गई.
इस एसआईटी में दानापुर थानाध्यक्ष समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल थे. पुलिस टीम ने वैज्ञानिक अनुसंधान, कॉल डिटेल्स, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और अन्य तकनीकी माध्यमों का इस्तेमाल कर इस रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया. इसके साथ ही गिरोह की सरगना मीरा सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है. पुलिस हिरासत में मीरा से पूछताछ जारी है.
मीरा ने पुलिस के सामने सनसनीखेज खुलासे किए हैं. उसने न केवल दानापुर से लापता बच्ची की तस्करी करना स्वीकार किया, बल्कि यह भी माना कि इससे पहले भी दो अन्य बच्चियों को राजस्थान और हरियाणा में बेच चुकी है. मीरा का तरीका बेहद चालाकी भरा था. वह पहले पटना से बच्चियों को बहला-फुसलाकर आरा ले जाती, फिर वहां से उन्हें अलग-अलग राज्यों में बेच देती थी.
यह कोई एकलौती तस्करी नहीं थी, बल्कि यह एक संगठित मानव तस्करी गिरोह का हिस्सा था, जो पूरे नेटवर्क के जरिए कमजोर और असहाय बच्चियों की जिंदगी नीलाम करता था. सिटी एसपी ने कहा, ''मानव तस्करी जैसे जघन्य अपराध में शामिल मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हमारी प्राथमिकता थी. वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.''
उन्होंने आगे बताया कि पुलिस राजस्थान और हरियाणा में सक्रिय अन्य तस्करों की तलाश कर रही है. जल्द ही पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा ताकि इस घिनौने धंधे पर पूरी तरह रोक लग सके. इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि मानव तस्करी का कारोबार अब भी देश में सक्रिय है. इसमें शामिल अपराधी महज दलाल नहीं, बल्कि संगठित नेटवर्क के माफिया हैं.