उत्तराखंड के चर्चित अंकिता मर्डर केस में एक अदालत ने सोमवार को अपनी सुनवाई पूरी कर ली. अदालत 30 मई को अपना फैसला सुनाने वाली है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने सोमवार को बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के बीच अंतिम दलीलें सुनीं. अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अनुज पुंडीर ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तारीख तय की है.
इस मामले की सुनवाई दो साल आठ महीने तक चली. इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से जांच अधिकारी समेत 47 गवाह पेश किए गए. 18 सितंबर 2022 को पौड़ी जिले के यमकेश्वर स्थित वनतंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करने वाली अंकिता भंडारी (19) की रिसॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर हत्या कर दी थी.
अभियोजन पक्ष के अनुसार अंकिता और पुलकित के बीच किसी बात पर विवाद हुआ था, जिसके बाद पुलकित ने भास्कर और गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता को ऋषिकेश में चीला नहर में धकेल दिया. नहर में अंकिता का शव मिलने के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलकित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व नेता विनोद आर्य का बेटा है. इस केस के बाद पार्टी ने उनको निष्कासित कर दिया था.
इस केस के मुख्य गवाह विवेक आर्य ने कोर्ट में कई बड़े खुलासे किए थे. अंकिता ने उसे फोन कर बताया था कि वनतंत्रा रिसॉर्ट के 106 नंबर कमरे में मैनेजर सौरभ भास्कर ने कई बार उसके साथ रेप की कोशिश की थी. पुलकित आर्य भी उसका शारीरिक शोषण करता था. विवेक आर्य ने ओएलएक्स के जरिए से हाउसकीपिंग की नौकरी के लिए वनंतरा रिजॉर्ट में आवेदन दिया था. 9 सितंबर 2022 को रिजॉर्ट में नौकरी ज्वाइन की थी.
11 सितंबर 2023 को अंकिता ने उसे बताया था कि रात को पुलकित आर्य और सौरभ भास्कर ने ड्रिंक कर मुझे किस करने की कोशिश की थी. इस बात पर उसने पुलकित आर्य को थप्पड़ मारा, फिर रात में उसने मेरा गुस्सा रिंकू पर उतारा. 2 सितंबर को बर्थडे पार्टी के दिन सौरभ भास्कर ने रूम नंबर 106 में ले जाकर उसे ड्रिंक कराकर हवस का शिकार बनाने की कोशिश की थी. 16 सितंबर को अंकिता ने नौकरी छोड़ दी थी.