
आंध प्रदेश में पिछले कुछ समय से धोखाधड़ी का अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है. दरअसल पिछले दो महीनों से कडप्पा जिले में एक गिरोह सक्रिय है. यह गिरोह अपने सदस्यों के साथ कोविड-19 के दौरान मरने वालों का लोगों की जानकारी इकट्ठी कर रहा है. इस डाटा के आधार पर गिरोह ने मृतकों के परिजनों को बताया कि वो कलेक्टर कार्यालय से फोन कर रहे हैं. बता दें कि यह गिरोह निर्दोष लोगों को यह बताकर धोखा दे रहे हैं कि सरकार उन्हें वाईएसआर भीम योजना के तहत मुआवजा देगी.
इन लोगों के साथ करीब 9 लाख की ठगी
बीरम रमण रेड्डी, निर्मला, कडप्पा शहर की एमवी सुनीता, काजीपेट की एस. नागवेनी, विग्नेश्वरी, पेंडली मारी की विजया कुमारी, बी. मातम की कृष्णा चैतन्य और प्रोद्दुथुरु शहर की कृष्णा चैतन्य आदि ऐसे नाम हैं जिन्हें उपरोक्त इंटरस्टेज गिरोह द्वारा वाईएसआर भीम के नाम पर ठगा गया और उनकी UPI से लगभग 9 लाख निकाले गए.
पुलिस ने दर्ज किया मामला
इस मामले को पुलिस अधीक्षक कडप्पा के संज्ञान में लाया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस निरीक्षक, कडपा टाउन यू/जीपीएस श्री एन.वी नागराजू को निर्देश दिया है और फिर 6 अक्टूबर को उक्त अधिकारी ने मामला दर्ज किया है और साइबर क्राइम मानते हुए मामले की जांच की.
मामले की जांच के तहत कडप्पा प्रथम टाउन सर्कल इंस्पेक्टर एन.वी नागराजू ने कडप्पा साइबर क्राइम टीम की मदद से इस मामले की जांच की और यूपीआई के आधार पर 9 बैंक खातों की पहचान की और 734964 रुपये का पता लगाया. इसके बाद आदेश दिया गया कि उन खातों को फ्रीज कर दिया जाए.
ऐसे की गई ठगी
जांच के दौरान एक आरोपी को सुबह 8 बजे इरकॉन सर्कल, कडप्पा के पास हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की. पकड़े गए आरोपी की पहचान 31 वर्षीय मीनुगा वेंकटेश के रूप में हुई है. पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि उसने कुछ लोगों के साथ दिल्ली में एक कॉल सेंटर के नाम पर एक झूठा कार्यालय चलाया और इस साजिश के पीछे मुख्य व्यक्तियों ने कोविड मृतक के परिजनों के लाभार्थियों का विवरण प्राप्त किया. फिर उनके गिरोह ने उन्हें कॉल किया और उनके UPI से पैसे लूट लिए.
इसके अलावा कडप्पा जिला एसपी केकेएन अंबुराजन, आईपीएस गारू ने विशेष रूप से इस मामले को सुलझाने में कड़ी मेहनत करने वाले कर्मचारियों को बधाई दी.