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फर्जी सिम सप्लायर गैंग का पर्दाफाश, पुलिस ने एमबीए छात्र समेत चार को किया गिरफ्तार

दक्षिणी दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने फ़र्ज़ी सिम कार्ड जारी करने और इनकी सप्लाई करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से करीब 300 सिम कार्ड बरामद हुए हैं.

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फेक सिम बेचने वाले रैकेट का पर्दाफाश (फोटो- आजतक)
फेक सिम बेचने वाले रैकेट का पर्दाफाश (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फर्जी सिम बेचने वाले रैकेट का भांडाफोड़
  • पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार

स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले फर्जी सिम कार्ड जारी करने और उनकी सप्लाई करने में शामिल गैंग पकड़ा गया है. पुलिस ने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के एमबीए के छात्र को भी गिरफ्तार किया है. दक्षिणी दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने फ़र्ज़ी सिम कार्ड जारी करने और इनकी सप्लाई करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया हैं. इनके पास से करीब 300 सिम कार्ड बरामद हुए हैं.

दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी अतुल ठाकुर के मुताबिक दक्षिणीपुरी के रहने वाले रोहन नाम के शख्स ने शिकायत की थी कि किसी ने उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से उनके नाम से सिम लिया है. 

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि न तो उन्हें सिम जारी किया गया है और न ही उन्होंने कभी इसका इस्तेमाल किया है. शिकायत पर थाना अंबेडकर नगर में धारा 420 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया और इसकी जांच जिला साइबर सेल को सौंपी गई. जांच के दौरान पुलिस, सिम बेचने वाले नौशाद तक पहुंची. 

उसने बताया कि रोहन को एक वास्तविक सिम कार्ड जारी किया था और सिम जारी करते समय रोहन की जानकारी के बिना उसके नाम पर एक और सिम जारी किया गया. उसके आधार का आधा हिस्सा जानबूझकर बदल दिया गया था.

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नौशाद से मिली सूचना पर कार्रवाई करते हुए और उसके द्वारा जारी किए गए सिम से संबंधित बड़ी संख्या में मोबाइल नंबरों, आईएमईआई की जांच करने के बाद दो और लोगों को गिरफ्तार किया. तीनों आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वो अमित अरोड़ा नाम के एक शख्स को नकली सिम की सप्लाई करते थे. जो अंतिम उपयोगकर्ताओं को नकली सिम की सप्लाई करता था और जब ये सिम डीएनडी के कारण ब्लॉक हो जाते थे, तो वह उन्हें नए जारी किए गए नकली सिम द्वारा बदल देता था. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 

आरोपी नौशाद खान, दिल्ली के तुग़लकाबाद का रहने वाला है. उसने 2017 से 2020 तक एयरटेल में एजेंट के रूप में काम किया है. इसके बाद उसने कुछ समय के लिए सब्जी बेची. लेकिन बाद में खुले बाजारों में छतरी लगाकर सिम बेचना शुरू कर दिया. वो कहता था कि वो एयरटेल के लिए काम करता है.

और पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: स्वतंत्रता दिवस पर हमले की बड़ी साजिश नाकाम, जैश के चार आतंकी गिरफ्तार

आरोपी पुनीत एयरटेल और वोडाफोन के एजेंट के तौर पर सिम बेचता था. वह फर्जी सिम कार्ड जारी करने के लिए आधार कार्ड में हेराफेरी करता था. आरोपी आकिल खान ने कुछ समय के लिए Jio और Airtel के लिए एजेंट के रूप में भी काम किया है. वह अपने संपर्क अमित अरोड़ा को नकली सिम की आपूर्ति करता था जो अंतिम उपयोगकर्ता को इसकी आपूर्ति करता था.

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आरोपी अमित शर्मा ने पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय से मार्केटिंग में एमबीए किया है. पहले वह एक कॉल सेंटर चलाता था लेकिन उसके बाद उसने दूसरे कॉल सेंटरों में सिम सप्लाई करने का काम शुरू किया.

नौशाद पहले प्रयास में असफल होने की बात कहकर एक ग्राहक की दो बार फोटो खींचकर डुप्लीकेट सिम जारी करता था और फिर उसी के नाम पर एक और नकली सिम जारी करने के लिए अपने आधार कार्ड के पिछले हिस्से को बदलकर पता बदल देता था. पुनीत फोटोशॉप में विशेषज्ञ है और वो ग्राहकों के दस्तावेजों में नाम बदल देता था और एक नई आईडी बना देता था.

पुनीत, अकिल खान को फर्जी आईडी देता था जो एयरटेल और वोडाफोन के लिए एलएपीयू (लोकल एरिया पेमेंट यूनिट) है. आकिल खान सिम के एक्टिवेशन के समय सत्यापन के लिए ओटीपी प्राप्त करने के लिए ग्राहक आवेदन पत्र में वैकल्पिक नंबर के रूप में पहले से ही फर्जी तरीके से प्राप्त अपना नंबर या नंबर देकर फर्जी आईडी के खिलाफ फर्जी सिम जारी करवाता था. अकिल खान ने अमित अरोड़ा को नकली सिम की आपूर्ति की, जो इन नंबरों को मुख्य रूप से अंतिम उपयोगकर्ता को देते थे. जो संभावित ग्राहकों को लगातार अवांछित कॉल करते थे. 

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