मुंबई की रहने वाली मिताली श्रीवास्तव हौग ने जब फेसबुक पर दो ऐसे शख्स के फेसबुक पोस्ट को लेकर विरोध किया, जिसमें महिलाओं के साथ बलात्कार और शारीरिक शोषण का मजाक उड़ाया जा रहा था, तब उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि खुद उसे भी गालियां मिलेंगी और उसका चरित्र हनन किया जाएगा.
दरअसल, हाल ही में सोशल मीडिया पर महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार और लैंगिक अत्याचार के खिलाफ मी टू (#MeToo) कैंपेन चलाया गया था. इसमें पूरी दुनिया के लोगों ने बलात्कार और लैंगिक अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई. एक अनुमान के मुताबिक अक्टूबर महीने में 15 लाख लोगों ने इस हैशटैग का इस्तेमाल कर अपना साथ दिया.
इसी कड़ी में मिताली ने भी फेसबुक पर पोस्ट किया , लेकिन अटल बिहारी बड्डर और अल्पेश रावल ने इसका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया. मिताली को ही दोनों ने गाली देना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं, फेसबुक पर जिन लोगों ने मिताली का समर्थन किया, उन महिलाओं के खिलाफ भी असभ्य टिप्पणी की गईं और गालियां दी गईं.
हार कर मिताली और उनकी दोस्त किरण ने मुंबई पुलिस में मामला दर्ज करा दिया है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को समन कर हाजिर होने को कहा है.
40 साल की मिताली ने आजतक को बताया कि मैंने जब इन दोनों शख्स को मना किया तो इन लोगों ने मुझे और मेरे दोस्तों को मां बहन की गालियां देना शुरू कर दिया. हमारे चरित्र के ऊपर कीचड़ फेंका और हमारी पर्सनल लाइफ को लेकर गंदी टिप्पणी की. भैंस और चिंकी जैसे कई अपशब्द कहे गए. यह सब जब बहुत असज हो गया तब हमें पुलिस में मामला दर्ज कराना पड़ा.
यह घटना उन लोगों के लिए भी सबक जो ऐसा समझते हैं कि सोशल मीडिया पर कुछ भी लिख देने की आजादी है उन्हें. सोशल मीडिया पर प्रताड़ित करना कानून जुर्म है.