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17 दिन घर में कैद रही, मां-बाप से सच छिपाया, ढाई लाख भी गंवाए... 'Digital Arrest' हुई फरीदाबाद की लड़की ने सुनाई आपबीती

Girl Digital Arrest Case: फरीदाबाद की 23 वर्षीय अनन्या के साथ ढाई लाख की ठगी हुई. इतना ही नहीं IT की पढ़ाई पूरी कर चुकी अनन्या को साइबर ठगों ने 17 दिनों तक घर में ही 'डिजिटल अरेस्ट' करके रखा. आइए जानते हैं ठगी की कहानी, पीड़ित लड़की की जुबानी...

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फरीदाबाद: साइबर ठगों ने एक छात्रा को 17 दिन डिजिटली अरेस्ट करके रखा.
फरीदाबाद: साइबर ठगों ने एक छात्रा को 17 दिन डिजिटली अरेस्ट करके रखा.

हरियाणा के फरीदाबाद में 23 साल की एक लड़की से साइबर ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया. साइबर ठग ने लड़की को 17 दिन तक घर के अंदर बंद रहने को मजबूर कर दिया. इसे डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) नाम दिया गया. इस दौरान ठगों ने लड़की से ढाई लाख रुपये भी हड़प लिए. पीड़िता ने बताया कि घटना की शुरुआत 12 अक्टूबर को हुई थी, जब लखनऊ से उसके पास एक कॉल आया था. इसके बाद वो ठगों के झांसे में ऐसा फंसी कि खुद के घर में ही 'कैद' होकर रह गई. आइए जानते हैं ठगी की कहानी, पीड़ित लड़की की जुबानी... 

बता दें कि साइबर ठगी का शिकार हुई लड़की का नाम अनन्या है. वह फरीदाबाद की रहने वाली है. एक इंटरव्यू में अनन्या ने बताया कि सबकुछ ठीक चल रहा था, इसी बीच 12 अक्टूबर को उसके पास एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने कहा कि वो लखनऊ कस्टम ऑफिस से बोल रहा है. आपके आधार कार्ड के जरिए एक पार्सल कंबोडिया भेजा रहा है. इसमें कुछ पासपोर्ट और एटीएम कार्ड हैं. 

खुद को कस्टम ऑफिस का बताने वाले शख्स ने अनन्या से आगे कहा कि वो साढ़े पांच बजे से पहले इसको लेकर लखनऊ पुलिस में FIR दर्ज करवा ले नहीं उसे कोर्ट में पेश होना पड़ेगा. ये सुनकर अनन्या थोड़ी घबरा गई. वह मां को बताने के लिए जा ही रही थी कि सामने वाले ने कॉल को कथित पुलिस अधिकारी के पास स्विच कर दिया. इसपर अनन्या उससे बात करने लगी. 

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वीडियो कॉल पर लड़की को 'अरेस्ट' किया 

बकौल अनन्या- जब मैंने उस कथित पुलिस अधिकारी से बात की तो उसने कहा कि FIR के लिए मुझे वीडियो कॉल पर आना होगा. क्योंकि, डिजिटल FIR कैमरे पर ही होती है. इस पर मैंने Skype ऐप ऑन किया और कैमरे के सामने बैठ गई. सामने पुलिस की वर्दी पहने लोग, थाने जैसा बैकग्राउंड आदि नजर आ रहा था.

ये भी पढ़ें- नकली पुलिस, CBI और कस्टम ऑफिसर के सामने पेशी! 17 दिन लड़की को रखा 'डिजिटली अरेस्ट', ढाई लाख का लग गया चूना

इसके बाद पुलिस अधिकारी ने आधार कार्ड, बैंक डिटेल आदि चेक करने की बात कही. फिर कुछ देर बाद उसने कहा कि आपके (अनन्या) खिलाफ तो पहले ही FIR दर्ज है. अरेस्ट वारंट भी जारी हो चुका है. उसने एक बैंक के अधिकारी का नाम लेते हुए कहा कि आप उससे एसोसिएटेड हैं और उसके खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसे गंभीर केस दर्ज हैं. हमारे पास सबूत और गवाह दोनों मौजूद हैं. 

ये सब सुनकर अनन्या घबरा गई. इसी बीच वीडियो कॉल पर बात कर रहे कथित पुलिस अधिकारी ने कहा कि अनन्या आप एक मिनट रुकिए हम आपकी बात CBI अधिकारी से कराते हैं. कुछ ही देर बाद कथित CBI अधिकारी लाइन पर आ गया. उसने अनन्या से कहा कि जितने कीमत (3.8 करोड़) के आपके खिलाफ चार्ज हैं उसका 5% यानी 15 लाख रुपये आपको अभी देना होगा, नहीं तो हमें आपको गिरफ्तार करना पड़ेगा. 

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जब अनन्या ने इतने पैसे देने में असमर्थता जताई तो उसने कहा कि अब हम आपको 'डिजिटल अरेस्ट' कर रहे हैं. इस दौरान आप अपना Skype बंद नहीं करेंगी. 24 घंटे हमारी निगरानी में रहेंगी. कैमरा ऑफ कर सकती हैं, लेकिन हम आपकी आवाज सुनते रहेंगे. 

अपने ही घर में 'कैद' हो गई लड़की 

इस तरह अनन्या अपने ही घर में डिजिटली 'कैद' हो गई. जब अनन्या ने अपने घरवालों को इस बारे में बताने के लिए कहा कि तो कॉल पर मौजूद शख्स ने सख्त लहजे में मना कर दिया. उसने कहा कि हम आपकी मदद कर रहे और आपको इस बारे में किसी से बात करने की जरूरत नहीं है. ये बहुत गोपनीय मामला है.  

तीन-चार दिन ये चलता रहा. फिर एक दिन कॉल करने वाले शख्स ने कहा कि अनन्या आपका केस कोर्ट में पहुंच गया है. जज से बात हुई उन्होंने आपका केस प्राथमिकता पर रखा है. जमानत राशि के तौर पर आपको 15 लाख रुपये देना होगा. जब अनन्या ने कहा कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं तो उसने हिंट दिया कि आप अपनी पढ़ाई की फीस से पैसे दे सकती हैं. 

ढाई लाख रुपये ठगे

इसको लेकर अनन्या बताती हैं कि पता नहीं कैसे उन लोगों को ये बात पता चल गई कि मैं पढ़ाई के लिए कनाडा जाने वाली हूं. इसके बाद उन्होंने (फ्रॉड) बेल का झांसा दिया तो घबराहट में मैंने ढाई लाख रुपये उनके बताए नंबर पर ट्रांसफर कर दिए. ये पैसे हॉस्टल की फीस और पढ़ाई के लिए रखे थे. बाद में और प्रेशर किया कि पापा के क्रेडिट कार्ड से पैसे भेजो, दोस्तों से मांग लो, कहीं से भेजो. लेकिन मैंने टालमटोल कर किसी तरह उनकी बात काट दी. 

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इन सबमें हफ्ते भर से ज्यादा का समय कट गया. इस दौरान अनन्या अपने घर के कमरे में 'डिजिटल अरेस्ट' रही. वो भी घरवालों से छुपकर. हालांकि, जब वीडियो कॉल करने वालों को और पैसे नहीं मिले तो उन्होंने 17 दिन बाद कहा कि अब आप फ्री हैं. आपको 'डिजिटल अरेस्ट' से आजाद किया जाता है. 

पीड़ित लड़की की मां ने क्या बताया? 

अनन्या की मां ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से बेटी लैपटॉप 24 घंटे साथ लेकर चलती थी. खाते-पीते, सोते-जागते हर जगह वो ऑनलाइन रहती थी. हमें नहीं पता था कि उसपर निगरानी रखी जा रही है. डर के मारे में वो ऐसा कर रही थी. पहले लगा कि आईटी का बच्चा शायद काम कर रहा होगा. मगर हद से ज्यादा ऑनलाइन रहने, वो भी वीडियो पर. इसे लेकर शक हुआ. फिर 17 दिन बाद मालूम हुआ कि अनन्या साइबर ठगी की शिकार हो गई है.  

अनन्या की मां कहती हैं दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. जिस तरह मेरी बच्ची मेंटली टॉर्चर हुई, किसी और का बच्चा न हो. फिलहाल, पुलिस ने केस दर्ज जांच शुरू कर दी है.

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