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एप के जरिए बच्चों को बगदादी का वफादार बना रहा है ISIS

सड़क के बीचोंबीच आईएसआईएस की अदालत में बेगुनाहों को मौत के घाट उतारने के लिए नौजवानों और बच्चों को इस्तेमाल किया जा रहा है. जल्लादों के चक्कर में पड़ कर ये लड़के  काम भी जल्लाद का ही कर रहे हैं.

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ISIS की अदालत में युवाओं को बनाया गया जल्लाद
ISIS की अदालत में युवाओं को बनाया गया जल्लाद

आईएसआईएस ने अब एक नए खेल शुरुआत की है. रौंगटे खड़े करनेवाला ये खेल है, मासूमों के हाथों बेगुनाहों का कत्ल करवाना. आईएसआईएस के जल्लाद भीड़ के बीच बेगुनाहों की जान तो लंबे अरसे से लेते रहे हैं. लेकिन अब उन्होंने भीड़ से ही मासूम शहरियों और खास कर बच्चों को चुन कर उन्हीं के हाथों बेगुनाह बंधकों का सिर कलम करवाने और गोली मरवाने की नई रवायत शुरू की है. एक ऐसी रवायत जिसे देख कर ही बदन सिहर उठता है.

सड़क के बीचोंबीच आईएसआईएस की अदालत में बेगुनाहों को मौत के घाट उतारने के लिए नौजवानों और बच्चों को इस्तेमाल किया जा रहा है. जल्लादों के चक्कर में पड़ कर ये लड़के बेशक काम तो जल्लाद का ही कर रहे हैं, लेकिन उनके चेहरे पर ऐसा करते हुए न तो कई मलाल दिखता है और न ही वो जिन्हें मारने जा रहे हैं, उन बेगुनाह बंधकों के खिलाफ़ कोई नफरत ही नज़र आती है, बल्कि हाथ में पिस्टल लिए किसी के सिर पर निशाना बनाने की खुशी इनके चेहरों पर उभर आती है.

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जेहाद सिखाने के लिए शुरू किया एप
बगदादी के आतंकवादी ना सिर्फ सीरिया और इराक में मौत बांटते घूम रहे हैं, बल्कि आगे भी आतंक के सिलसिले को जारी रखने के लिए आतंकवादियों की नई पौध तैयार करने में जुटे हैं और कुछ इसी इरादे से आईएसआईएस ने अपना एक नया चाइल्ड एप्प लॉन्च किया है. ये बहाना तो है बच्चों को अरबी सिखाने का, लेकिन असल में अरबी सिखाते-सिखाते आईएसआईएस इस एप्प के जरिए मासूमों को जेहाद सिखा रहा है.

इस एप के शब्द्कोश में अच्छे लफ्ज हो न हों, 'टैंक', 'गन' और 'रॉकेट' खौफनाक अस्लहों के नाम जरूर शामिल हैं, जिनसे बच्चों बचपन से ही हथियारों की लत लग जाए और हथियारों के साथ-साथ उन्हें जेहाद के लिए भी तैयार किया जा सके. ऐप का थीम ही पूरी तरह जेहादी है. इसे इस्लामिक स्टेट टेलिग्राम चैनल्स और अन्य फाइल शेयरिंग वेबसाइट्स के जरिए रिलीज किया गया है.

एप में बच्चों के लिए गेम्स भी
वैसे तो इस एप में कई ऐसे गेम्स भी हैं जो अरबी अक्षरों को लिखने और उन्हें याद करने में बच्चों की मदद करेंगे. लेकिन असली मकसद कुछ और है. एप में 'नशीद' नाम का एक इस्लामिक गाना भी है, साथ ही खलीफा यानि बगदादी के प्रति पूरी तरह ईमानदार रहने की सीख भी. ऐसे में अगर बगदादी इस एप के जरिए अपने मकसद में कामयाब हो जाता है तो भविष्य में सैकड़ों आतंकवादी तैयार करने में कामयाब हो जाएगा, जो दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा साबित होगा.

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