सात फेरे, सात वचन और सात जनम का रिश्ता निभाने का दावा करने वाला दूल्हा सत्यानाश पर उतारु हो गया है. दूल्हा अपनी दुल्हन को तबाह करने पर उतारु है. दूल्हा घर की चौखट में सेंध लगा कर घर में आग लगाने को उतारु है. क्योंकि दूल्हा कर रहा है शादी का कारोबार. दूल्हा कर रहा है रिश्तों का धंधा. दूल्हे की आंखे खोज रही हैं शिकार. दूल्हे की आंखे तलाश रही हैं पैसों की ढेरी. दूल्हे ने फेरों को बना दिया है फटाफट पैसे कमाने का धंधा और वो चल पड़ा है जाल में फंसाने के लिए एक नहीं दो नहीं तीन नहीं करीब डेढ़ सौ दुल्हनों को. और वो भी एक साथ.
कभी कमिशनर तो कभी आईएएस अफसर
ऊंचा-लंबा कद, दिखने में स्मार्ट. अंग्रेजी बोलने में माहिर. रही कमाने या नौकरी की बात. तो उसके तो कहने ही क्या. भाई कभी किसी एक शहर का इनकम टैक्स कमिश्नर होता है तो दूसरे शहर का आईएएस अफसर. तीसरे शहर में ये आईपीएस अफसर बन जाता है तो चौथे शहर में अचानक बड़ा बिजनेसमैन. किसी भी लड़की या उसके घर वालों को शादी के लिए भला इससे बेहतर लड़के का प्रोफाइल और क्या चाहिए. और बस इसी हाई-फाई प्रोफाइल के चक्कर में देश के अलग-अलग शहरों की ऐसी-ऐसी लड़कियां इसके झांसे में आ गईं कि बस पूछिए मत.
शहर कोई भी हो. पेशा कैसा भी. इसने किसी को नहीं बख्शा. शादी के नाम पर शादी से पहले ही देश भर में दुल्हनों को इसने ऐसा लूटा कि इस लूट की दूसरी मिसाल ढूंढे नहीं मिलेगी. अब जरा इनकी तारीफ के बाद इनका परिचय भी हो जाए. खुद हैदराबाद पुलिस हैरान है कि एक अकेला शख्स एक साथ डेढ़ सौ लड़कियों को चूना कैसे लगा सकता है. वो भी शादी के नाम पर. पुलिस दुल्हन के इस लुटेरे के दिमाग को अब तक जितना पढ़ पाई है उसके बाद उसका बस यही कहना है कि गजब का शातिर है ये शख्स.
वाकई ये सवाल भी है और कमाल भी. सवाल ये कि इतनी पढ़ी लिखी और हाई प्रोफाइल लड़कियों को ये ठगता कैसे था? शादी के नाम पर उनसे कैसे पैसे ऐंठता था? और क्यों कभी किसी को इस पर शक नहीं हुआ?
ऐसे हुए लूटेरे दूल्हे का खुलासा
करीब तीन महीने पहले हैदराबाद की एक लड़की ने पुलिस में शिकायत की कि हेमंत गुप्ता नाम के एक लड़के ने उसके साथ पांच लाख तीस हजार रुपए का फ्राड किया है. उसी शिकायत की तफ्तीश करने के लिए पुलिस उसका मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगा देती है. और तब पता चलता है कि वो कोई मामूली ठग नहीं बल्कि दुल्हन का सबसे बड़ा लुटेरा है. सर्विलांस के जरिए पुलिस को पता चला कि हेमंत कोलकाता में है. इसी के बाद हैदराबाद की सेंट्रल क्राइम स्टेशन पुलिस की एक टीम कोलकाता गई. पर वहां जाकर पता चला कि उसका नाम हेमंत नहीं बल्कि तनमय गोस्वामी है.
घर पर तनमय की बीवी और बच्चे भी मिले. यानी वो पहले से शादीशुदा था. मगर खुद तनमय नहीं मिला. जांच में पता चलता है कि उसने कोलकाता में भी कई लोगों को ठगा था. तफ्तीश आगे बढ़ी तो पता चला कि तनमय कोलकाता से मुंबई पहुंच गया है. इसी के बाद पुलिस टीम अब मुंबई पहुंचती है. वहां तनमय का मोबाइल लोकेशन एयरपोर्ट के बाहर पार्किंग में दिखा रहा था. पार्किगं में एक कार खड़ी थी और फोन उसी में रखा था. पुलिस ने पार्किंग के पास दो दिन तक कार मालिक का इंतजार किया. आखिरकार तीसरे दिन जैसे ही कार मालिक कार के पास पहंचा पुलिस ने उसे पकड़ लिया. बाद में पता चला वही तनमय है.
गिरफ्तारी के बाद पता चलता है कि तनमय ने राहु सिन्हा बन कर मुंबई में दो और शादी कर रखी थी . एक बॉलीवुड की जानी-मानी आर्ट डायरेक्टर से और दूसरी माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाली एक प्रोजोक्ट डायरेक्टर से. यानी उसकी दो बीवी मुंबई में थी एक कोलकाता में. जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि तीन शादियों के अलावा सात और लड़कियों के साथ उसने शादी के नाम पर संबंध बना रखे थे. इनमें दो बैंगलोर की, दो मुंबई की, एक पुणे की और दो हैदराबाद की लड़कियां हैं.
पूछताछ के दौरान तनमय ने कबूला जुर्म
पूछताछ के दौरान तनमय ने बताया कि उसने भारत मेट्रीमोनियल, जीवनसाथी डॉट कॉम और शादीडॉट कॉम जैसी साइट पर अलग-अलग नाम और पेशे से करीब डेढ़ सौ प्रोफाइल आईडी बना रखी थी. उसके काम करने का तरीका बड़ा सीधा था. वो खुद को इनकम टैक्स कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर, आईएएस या आईपीएस अफसर बताता. फिर लड़कियों से मिलता, उनसे फोन पर या व्हाट्सएप पर बातें करता और जल्दी ही उनके करीब आ जाता. इसके बाद जब शादी की बात पक्की हो जाती तो कभी मां की बीमारी या ऑपरेशन के नाम पर तो कभी फ्लैट या घर खरीदने के नाम पर लड़कियों से पैसे लेता और उसके बाद गायब हो जाता. ऐसी कई लड़कियों के बारे में पता चला है जिससे इसने 40 लाख रुपए तक वसूले.
हैदराबाद पुलिस ने तमाम मेट्रीमोनियल साइट्स से डिटेल मांगी है ताकि उसके झांसे में आने वाली लड़कियों की जानकारी जुटाई जा सके. चूंकि लिस्ट बहुत लंबी है और शहर कई लिहाजा हैदराबाद पुलिस तनमय गोस्वामी पर पीडी एक्ट के तहत बी मामला दर्ज करने का सोच रही है. पीडी यानी प्रीवेंटिंग डिटेक्शन एक्ट के तहत एक साल तक जमानत नहीं मिलती.