आखिरकार बाबा पकड़े ही गए. बुधवार की रात ठीक नौ बजकर 21 मिनट पर पिछले 18 दिनों से चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामे का दि एंड हो गया. संत रामपाल को पुलिस ने हिसार में उसके उसी आश्रम से गिरफ्तार कर लिया जिस आश्रम के आसपास के इलाके को बाबा ने पिछले कई दिनों से जंग का मैदान बना रखा था. मगर बाबा की ये गिरफ्तारी छह लोगों की मौत, सैकड़ों घायलों और करोड़ों खर्च करवाने के बाद हुई. लेकिन सबसे बड़ा सच यह कि जो बाबा इतने दिनों से कानून को ठेंगा दिखा रहा था, वही बाबा जब पकड़ा गया तो पुलिस के आगे गिड़गिड़ाने लगा कि उसे गिरफ्तार ना किया जाए वो खुद कोर्ट में सरेंडर कर देगा.
18 दिन की लुकाछुपी, 50 करोड़ से ज्याद खर्च, छह जानें और ढाई सौ से ज्यादा जख्मी लोगों की कीमत अदा करने के बाद आखिरकार हरियाणा पुलिस संत रामपाल को उनके बिल में घुस कर गिरफ्तार करने में कामयाब रही. हरियाणा पुलिस का सबसे बड़ा ऑपरेशन मुकम्मल हुआ. पुलिस की गिरफ्त में एंबुलेंस में बाबा अपने आश्रम से सीधे पंचकुला अस्पताल और फिर वहां से चंडीगढ़ ले जाए जा रहे हैं. चंडीगढ़ इसलिए ताकि 21 नवंबर को वहां उसे हाई कोर्ट में पेश किया जा सके. ये पेशी तो अवमानना के मामले में थी. मगर गिरफ्तारी से बचने के लिए बाबा ने पिछले 18 दिनों में जो ड्रामा किया, छह लोगों की मौत की वजह बने, पुलिस को चौबीसों घंटे एक पैर पर खड़ा किए रखा, उसके बाद अब उसी अदालत में ना जाने और कितनी धाराओं में बाबा लपेटे जाने वाले हैं. हरियाणा पुलिस ने देशद्रोह का मामला तक उनके खिलाफ दर्ज किया है.
दोपहर में साफ हो गई थी तस्वीर
बाबा की गिरफ्तारी बेशक रात नौ बज कर 21 मिनट पर हुई. मगर गिरफ्तारी का रास्ता दोपहर को ही साफ हो गया था. दरअसल तब पुलिस ने बड़ी खामोशी से संत रामपाल की पत्नी, बेटा और भाई को आश्रम से गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद आनन-फानन में सभी को अदालत में पेश भी कर दिया. ये खबर जैसे ही बाबा को लगी. पहली बार बाबा घबराए. इसके बाद बाबा ने अपने खास लोगों के जरिए पुलिस तक पैगाम भिजवाया कि वो सरेंडर करने को तैयार हैं मगर कोर्ट में. बाबा ने भरोसा दिया कि 21 नवंबर को वो खुद कोर्ट में हाजिर हो जाएंगे. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. पुलिस की फजीहत हो चुकी थी. लिहाजा हरियाणा पुलिस ने साफ कर दिया कि अब सरेंडर का तो सवाल ही पैदा नही होता. इसके बाद बाबा को उनके खिलाफ दर्ज धाराओं की जानकारी दी गई साथ ही कोर्ट की फटकार के बारे में बताया गया. इसी के बाद बाबा ने कुछ समय मांगा, मगर सरेंडर करने को फिर भी तैयार नहीं हुए.
इस बीच और अर्ध सैनिक बल रात करीब आठ बजे आश्रम में घुसने में कामयाब रही. आश्रम के अंदर तब करीब दो हजार भक्त मौजूद थे. पुलिस ने पूरी एहतियात के साथ सारे भक्तों को पहले कब्जे में लिया और फिर आखिरकार भक्तों के बीच छुपे बाबा को भी पकड़ ही लिया. पुलिस सूत्रों की मानें तो गिरफ्तारी से बचने के लिए बाबा आखिरी वक्त तक अपना चेहरा छुपाते फिर रहे थे. पकड़े जाने के बाद भी वो लगातार पुलिस से यही गिड़गिडाते रहे कि उन्हें गिरफ्तार ना किया जाए वो खुद कोर्ट के सामने सरेंडर कर देंगे.
पिछले 18 दिनों से पुलिस आश्रम के बाहर डेरा डालकर बाबा के निकलने का इंतजार करती रही, लेकिन जब बाबा को बात समझ में नहीं आई तो बुधवार को बाबा के आश्रम पर धावा बोल दिया. बाबा ने औरतों और बच्चों को ऐसा ढाल बनाया कि छह लोगों की जान चली गई. लेकिन बाबा थे कि बस आश्रम में दुबके रहे. लंबी खामोशी के बाद मंगलवार को पहली बार पुलिस कुछ हरकत में दिखी थी. आंसू गैस के गोले, लाठी, धमकी सब कुछ भांजा और आजमाया पर फिर भी वो नहीं मिला जिसके लिए ये सब कुछ था. पूरे दिन की मेहनत पर रात की कालिमा ने पानी फेर दिया. अंधेरे में आश्रम पर धावा बोलना खतरे से खाली नहीं था. पुलिस के ऑपेरशन रोकने से रामपाल के समर्थक और उसकी प्राइवेट आर्मी भी सुस्त पड़ने लगी. रात ढल चुकी थी. अब पुलिस ने एक दांव खेला.
हिडेन ऑपरेशन का दांव
पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए पहले तो बातों में उलझा कर रामपाल की प्राइवेट आर्मी के कुछ जवानों को काबू किया और फिर तकरीबन 200 जवानों को पकड़ लिया. अब पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए सुबह होने का इंतजार करने लगी. 19 नवंबर सुबह के पांच बजे रामपाल की प्राइवेट आर्मी के जवानों को पकड़ने की सूरत में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिल चुकी थी. अब तमाम जवानों की ब्रीफिंग हुई और पुलिस ने दस बजे से फिर ऑपरेशन चलाने का फैसला किया. इसी बीच पुलिस ने फिर से माइक पर लोगों से बाहर आने की अपील की. चूंकि रात में ही बाबा के प्राइवेट आर्मी के बहुत से लोग पकड़े जा चुके थे और आश्रम की गेट व दीवार तोड़ी जा चुकी थी. लिहाजा लोगों के बाहर आने का सिलसिला शुरू हो गया. दोपहर होते होते हजारों लोग आश्रम से बाहर निकाले जा चुके थे.
दोपहर होते-होते पुलिस ने एक और चाल चली. अचानक अफवाह फैली कि संत रामपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये सुनते ही बहुत से समर्थक घबरा कर खुद ही आश्रम से बाहर आ गए. दोपहर होते होते तकरीबन 15 हजार समर्थकों के आश्रम से बाहर निकल आने का दावा किया गया. बाद में पुलिस ने संत के भाई पुरुषोत्तम, पत्नी, बेटा और प्रवक्ता राज कपूर को भी गिरफ्तार कर लिया. फिर रात होते-होते आखिरकार खुद बाबा भी हाथ आ ही गया.