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दबंगों की दुनियाः जमीनों पर कब्जे का शौक, फिर जमींदोज हो गया खौफ... जानें, कौन है यूपी का माफिया गब्बर सिंह

माफिया अपराधी गब्बर सिंह का असली नाम है देवेंद्र सिंह. वो बहराइच जिले में पयागपुर थाना क्षेत्र के गांव मोहनमाफी रहने वाला है. उसने जुर्म की दुनिया में उस वक्त एंट्री कर डाली थी, जब उसवने जवानी की दहलीज पर कदम रख चुका था.

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माफिया गब्बर अपनी दबंगई के चलते ही सीएम योगी के मंच पर जा पहुंचा था
माफिया गब्बर अपनी दबंगई के चलते ही सीएम योगी के मंच पर जा पहुंचा था

यूपी सरकार ने हाल ही में जिन 63 माफियाओं की लिस्ट जारी की है, उनमें एक नाम है बहराइच के माफिया गब्बर सिंह का. गब्बर सिंह के लिए कहा जा सकता है कि जैसा नाम वैसा काम. उसके खिलाफ एक नहीं, दो नहीं बल्कि 50 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके बावजूद वो जिला पंचायत का सदस्य निर्वाचित हो चुका है. उसके चर्चाओं में आने की कहानी उसके जुर्म तो हैं ही, साथ ही उसकी सियासती दबंगई भी इसकी वजह है.

कौन है गब्बर सिंह?
माफिया अपराधी गब्बर सिंह का असली नाम है देवेंद्र सिंह. वो बहराइच जिले में पयागपुर थाना क्षेत्र के गांव मोहनमाफी रहने वाला है. उसने जुर्म की दुनिया में उस वक्त एंट्री कर डाली थी, जब उसवने जवानी की दहलीज पर कदम रख चुका था. ना जाने उसके सिर पर कौन सा जुनून था कि वो ज्यादा से ज्यादा जमीनों का मालिक बनना चाहता था. इस जुनून ने उसे लैंड माफिया बना दिया. उसने जुर्म का जो सफर साल 1992 में शुरू किया था, वो अब तक जारी है. लेकिन इसी दौरान उसने सफेद चोला पहनकर सियासत भी शुरू कर दी और जिला पंचायत के चुनाव में पयागपुर से सदस्य निर्वाचत हो गया.

गब्बर के खिलाफ दर्ज हैं 50 से ज्यादा मामले
माफिया देवेंद्र सिंह उर्फ गब्बर सिंह के खिलाफ पहला मामला साल 1992 में दर्ज हुआ था. इसके बाद ये गिनती कभी थमी नहीं. अब उसके खिलाफ बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, फैजाबाद, गोंडा, सुलतानपुर, लखनऊ और अयोध्या जैसे जिलों में 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. उसके खिलाफ एक ही जिले के अलग-अलग पुलिस थानों में भी केस दर्ज हैं. उस पर लूट, हत्या, डकैती, लोगों को बंधक बनाने, जमीनों पर कब्जा करने और जमीन के जाली दस्तावेज बनाने जैसे तकरीबन 56 मुकदमें अभी तक दर्ज हो चुके हैं.

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सीएम योगी के साथ खिंचाई थी तस्वीर
बात 27 मार्च 2021 की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले में महाराणा प्रताप सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आए थे. इस अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जब सीएम योगी मंच पर मौजूद थे तो गब्बर सिंह अपनी पहुंच और दबंगई के चलते जबरन मंच पर चढ़ गया था और उसने सीएम योगी को गुलदस्ता दिया था और फोटो भी कराई थी. बाद में सीएम योगी के साथ माफिया गब्बर सिंह की वो तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. उसके बाद अचानक वो चर्चाओं में आ गया था. यही वो मामला था, जिसकी वजह से वो पुलिस की नजर में आ गया था. 

साल 2016
उस वक्त देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह की नजर एक बड़ी जमीन पर पड़ गई थी. वो उस जमीन पर कब्जा करना चाहता था. लेकिन जमीन का मालिक उसके दबाव में नहीं आ रहा था. लिहाजा, गब्बर सिंह के गुर्गों ने जमीन के मालिक अपहरण कर लिया था और उसकी लाश आज तक नहीं मिली. उस शख्स की पत्नी इस घटना से इस कदर खौफजदा हो गई कि उसने कभी गब्बर के खिलाफ मुंह नहीं खोला. जमीन मालिक का एक बेटा है, जो तभी गुमसुम उदास रहता है. कई बार लोगों को ने उस शख्स की पत्नी को गब्बर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी, लेकिन वो नहीं मानी. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब गब्बर का एक गर्गा बागी हो गया था और उसने गैंग छोड़ दिया था. 

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इसी तरह से गब्बर सिंह ने बहराइच के कारोबारी गुरप्रीत को जान से मारने की धमकी देकर उसके मकान पर कब्जा कर लिया था. वो कारोबारी पर मकान की रजिस्ट्री उसके नाम करने का दबाव बना रहा था. इस मामले में पीड़ित कारोबारी ने साल अगस्त 2021 में देवेंद्र और उसके साथी मनीष के खिलाफ सदर कोतवाली में मामला दर्ज कराया था. ऐसे ही गब्बर ने अयोध्या निवासी एक युवक को अगवा करके लाखों रुपये की फिरौती वसूली थी.

गब्बर पर पुलिस ने रखा था एक लाख का इनाम
शातिर माफिया देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह का नाम पुलिस की जबान पर चढ़ चुका था. फोटो वायरल होने के बाद वो फरार हो गया था. वो पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था. लिहाजा पुलिस ने उस पर एक लाख का इनाम घोषित किया था. इसी के चलते 4 फरवरी 2022 को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गब्बर सिंह को उसके साथी मनीष जायसवाल के साथ गिरफ्तार कर लिया था. तभी से वे दोनों जेल में ही बंद हैं.

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संपत्ति की गई कुर्क
यूपी सरकार ने गब्बर सिंह की चल अचल संपत्ति जब्त की है. बहराइच में गब्बर सिंह के 85 करोड़ के व्यवसायिक कीमत वाले बंधन होटल और मैरिज लॉन समेत शहर के एक अन्य शॉपिंग कांप्लेक्स को भी कुर्क कर लिया गया था. जिसकी कीमत 25 करोड़ बताई गई थी. कुल मिलाकर गब्बर की 110 करोड़ की संपत्ति सीज की जा चुकी है. लेकिन पुलिस अब भी गब्बर की ऐसी संपत्ति का पता लगाने में जुटी है, जिस पर कार्रवाई नहीं की गई.

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मददगार पुलिसवालों पर गिरी थी गाज
माफिया गब्बर सिंह से जुड़े मामलों की विवेचना में जिला पुलिस के स्तर से बरती जाने वाली लापरवाही के कारण ही देवीपाटन मंडल के डीआईजी ने पूर्व में दो दरोगाओं पर कार्रवाई कर उन्हें निलंबित भी कर दिया था. बताया जाता है कि गब्बर सिंह ने कई पुलिसवालों के साथ सांठ गांठ कर रखी थी. ताकि वो अपने गैरकानूनी काम बिना दिक्कत के अंजाम दे सके.

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इलाके का सबसे बड़ा भू माफिया था गब्बर 
पुलिस के मुताबिक, गब्बर सिंह ने अपना पूरा गैंग चला रहा था. जिसमें मनीष जायसवाल और महेंद्र प्रताप सिंह उर्फ अभय प्रताप सिंह उसके खास गुर्गे माने जाते हैं. पुलिस के अनुसार, माफिया गब्बर सिंह अपने गैंग के जरिए संगीन अपराधों को अंजाम दिया और अकूत दौलत जमा की. उसने गरीब लोगों को बंधक बनाकर उनकी जमीनों पर खूब कब्जे किए थे. वो अपने जिले का सबसे बड़ा भू माफिया बन गया था. 

 

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