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दवा के अधिक डोज से हुई थी सुनंदा की मौत!

एफबीआई ने सुनंदा पुष्कर के नमूनों में अल्प्राजोलम के मौजूद होने की पुष्टि की है. लेकिन जांच के लिए वहां भेजे गए नमूनों की मात्रा कम बताई गई है.

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एफबीआई लैब को भेजे गए नमूनों की मात्रा कम थी
एफबीआई लैब को भेजे गए नमूनों की मात्रा कम थी

एफबीआई की रिपोर्ट ने सुनंदा पुष्कर के नमूनों में अल्प्राजोलम के मौजूद होने की पुष्टि की है. जो उनकी मौत की एक वजह हो सकती है. हालांकि रिपोर्ट में एफबीआई किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी.

एफबीआई रिपोर्ट में लीडोकिन की उपस्थिति देखने में आई है, जो दिल से संबंधी रोग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक antiarrhythmic दवा होती है. कभी कभी यह नसों के लिए नुकसानदायक हो सकती है. इसकी अधिक मात्रा जानलेवा भी हो सकती है.

भारतीय जांच एजेंसियों ने सुनंदा के जो जैविक नमूने जांच के लिए एफबीआई प्रयोगशाला को भेजे थे, वे पर्याप्त मात्रा में नहीं थे. जिसकी वजह से एफबीआई के विशेषज्ञ किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके.

एफबीआई की रिपोर्ट में अन्य पर्दाथों की पहचान नहीं हो सकी. दरअसल एफबीआई लैब को मिले नमूने सीमित मात्रा में थे. जबकि जैविक नमूनों की प्रकृति के कारण कम मात्रा होने पर उसमें मौजूद ड्रग आदि की पहचान करना मुश्किल होता है.

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एफबीआई लैब को सुनंदा के खून के 11 अलग अलग जो नमूने भेजे गए, वे भी कम मात्रा में थे और उनमें उच्च श्रेणी की चिपचिपाहट भी मौजूद थी.

एफबीआई लैब में हुए परीक्षण की रिपोर्ट में रेडियोधर्मिता का कोई महत्वपूर्ण स्रोत मौजूद नहीं है. जो इंगित करता है कि इसकी वजह पोलोनियम 210 की मौजूदगी का स्तर भी हो सकता है.

एफबीआई की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी गई है. एफबीआई की रिपोर्ट का अवलोकल करने के लिए एम्स के डॉक्टरों का एक बोर्ड गठित किया गया था. उसी बोर्ड ने अपनी राय देते हुए यह सभी खुलासे किए हैं

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