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AI इंजीनियर सुसाइड केस: UP पहुंची बेंगलुरु पुलिस, भाई बोला- ऐसे तो ATM बन जाएंगे पुरुष!

AI Engineer Suicide Case: बेंगलुरु में पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के मामले में पुलिस जांच शुरू हो चुकी है. बेंगलुरु पुलिस की एक टीम जांच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के जौनपुर पहुंची है.

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बेंगलुरु पुलिस की एक टीम जांच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के जौनपुर पहुंची है.
बेंगलुरु पुलिस की एक टीम जांच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के जौनपुर पहुंची है.

बेंगलुरु में पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के मामले में पुलिस जांच शुरू हो चुकी है. बेंगलुरु पुलिस की एक टीम जांच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के जौनपुर पहुंची है. अतुल सुभाष के सुसाइड नोट और वीडियो में लगाए गए आरोपों के आधार पर उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी सास निशा सिंघानिया, साला अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है.

बेंगलुरु पुलिस की टीम चारों आरोपियों से पूछताछ करने वाली है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम सभी आरोपों की जांच कर रहे हैं. इस मामले को हर एंगल से समझा जा रहा है." पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अतुल सुभाष का अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक कलह चल रहा था. इस सिलसिले में उनके खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया था. इसलिए उन्हें अक्सर बेंगलुरु से उत्तर प्रदेश आना पड़ता था. इसे लेकर वो परेशान थे.

'ऐसे हुआ तो एटीएम मशीन बनकर रह जाएंगे पुरुष'

सोमवार को अतुल सुभाष का शव बेंगलुरु के मराठाहल्ली थाने के अंतर्गत आने वाले मंजूनाथ लेआउट इलाके में उनके घर पर फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था. उनके छोटे भाई विकास मोदी सूचना मिलने पर वहां पहुंचे थे. उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि मेरे भाई को न्याय मिले. मैं चाहता हूं कि इस देश में एक कानूनी प्रक्रिया हो जिसके माध्यम से पुरुषों को भी न्याय मिल सके. मैं उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता हूं, जो कानूनी पदों पर बैठकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं.'' 

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व्यवस्था में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विकास मोदी ने कहा कि न्याय की उम्मीद तभी की जा सकती है, जब हर पक्ष की बात समान रूप से सुनी जाए. इसके साथ ही तथ्यों के आधार पर दलीलें दी जाएं. यदि ऐसा नहीं होता है, तो लोगों का धीरे-धीरे न्याय व्यवस्था पर से विश्वास उठना शुरू हो जाएगा. इससे ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है कि लोग शादी करने से डरने लगेंगे. पुरुषों को लगने लगेगा कि यदि शादी करने के बाद वे पैसे निकालने वाली एटीएम मशीन बनकर रह जाएंगे." 

सुसाइड नोट में लिखा- मुझे न्याय मिलना चाहिए

खुदकुशी से पहले इंजीनियर अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा था. इसके साथ ही एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया था. इस वीडियो में उनको यह कहते हुए सुना जा सकता है, "मुझे लगता है कि मुझे खुद को मार देना चाहिए, क्योंकि मैं जो पैसा कमा रहा हूं, उससे मेरे दुश्मन और मजबूत हो रहे हैं. उसी पैसे का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है. यह सिलसिला चलता रहेगा. मुझे न्याय चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ, तो मेरी अस्थियां गटर में बहा दी जाएं." 

अतुल सुभाष के चाचा पवन कुमार ने आरोप लगाया कि उनके भतीजे को पैसे के लिए परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा था. उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया और जज ने उन्हें अपमानित किया था. उन्होंने कहा, "जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. वो पत्नी द्वारा दायर केस हार रहा था. उसे प्रताड़ित किया जा रहा था. वे (पत्नी और परिवार) उससे लगातार पैसे मांग रहे थे. अपनी क्षमता के अनुसार, वो बच्चे के भरण-पोषण के लिए उसे पैसे दे रहा था. लेकिन उनकी मांग बढ़ती जा रही थी."

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'बीवी ने कहा पैसे नहीं दे सकते तो खुदकुशी कर लो'

पवन कुमार ने बताया कि अतुल के सुसराल वालों ने शुरू में 40 हजार रुपए प्रति माह की मांग की थी. इसे बाद में दोगुना कर दिया और फिर 1 लाख रुपए प्रति महीने देने की मांग करने लगे. वे लोग बच्चे के भरण-पोषण के बहाने पैसे ऐंठते जा रहे थे. चार साल के बच्चे को पालने के लिए आखिर कितने पैसे की जरूरत होगी. उन्होंने आरोप लगाया, "उसकी पत्नी ने यहां तक ​​कहा कि यदि वो पैसे नहीं दे सकता, तो उसे खुदकुशी कर लेनी चाहिए. इस बात पर जज कोर्ट में हंसने लगी थीं.''

पिछले छह महीनों से अतुल सुभाष के मन में आत्महत्या के विचार घूम रहे थे. परिवार को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वो ऐसा कुछ कर सकते हैं. उन्होंने हर काम के लिए एक टाइम टेबल बना रखा था. अतुल और निकिता एक मेट्रोमोनियल साइट से मिले थे. साल 2019 में उनकी शादी हुई थी. इसके एक साल के बाद निकिता ने एक बच्चे का जन्म दिया. इसके बाद से ही पति और पत्नी के बीच मतभेद शुरू हो गया. निकिता अपने मायके चली गई.

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एयरपोर्ट पर बेहोश हुई मां, पिता ने लगाए आरोप

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मंगलवार को अतुल सुभाष का अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनके माता-पिता और भाई उनका अस्थि कलश लेकर बुधवार शाम पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे. वहां अतुल के माता-पिता ने अपने बेटे के लिए इंसाफ की मांग करते हुए रोते बिलखते देखे गए. एयरपोर्ट पर रोते-रोते अतुल की मां बेहोश हो गईं. उससे पहले उन्होंने कहा, ''मेरे बच्चे को बहुत टार्चर किया गया है. मेरे बुढापे का सहारा चला गया. हमारे साथ न्याय नहीं हुआ. उसने बहुत दुख सहा, लेकिन कभी किसी से बयां नहीं किया.'' 

अतुल सुभाष के पिता ने कहा, ''हमारी न्याय प्रणाली बहुत कमजोर है. हमें न्याय नहीं मिला. मेरा बच्चा सब बयान दे गया है. वो हम लोगों को बहुत ज्यादा नहीं बताता था. उसे लगता था कि हम ये सब सुनकर दुखी होंगे. उसे खूब टार्चर किया गया है. हम चाहते हैं कि कानून-व्यवस्था सही हो. मेरे बच्चे को इंसाफ मिले.'' इससे पहले अतुल के भाई ने कहा, ''मेरे भाई पर कई झूठे केस चल रहे थे. इसे लेकर वो बहुत ज्यादा परेशान थे. उन्होंने सिस्टम के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान दे दी."

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अतुल की सास ने सभी आरोपों को खारिज किया 

जौनपुर में रहने वाली अतुल सिंघानिया की पत्नी निकिता सिंघानिया के परिवार का बयान भी सामने आया है. निकिता की मां ने अपनी बेटी और परिवार पर लगाए गए उत्पीड़न के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, "ये जो आरोप लगे हैं, सारे निराधार है. मैं सारे सबूत दुनिया के सामने रखूंगी. अतुल सुभाष ने अपना फ्रस्ट्रेशन हम पर निकाला है. मेरी बेटी कभी किसी को आत्महत्या के लिए नहीं बोल सकती." निकिता के चाचा ने कहा हमारे परिवार का कोई भी दोषी नहीं है. 

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निकिता के चाचा सुशील कुमार ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा, "निकिता अभी यहां नहीं है, लेकिन जब वह वापस आएगी, तो वह हर सवाल का जवाब देगी. मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला कि अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले में एफआईआर में मेरा नाम था. लेकिन मैं वहां (बेंगलुरू में) नहीं था और न ही इस मामले में मेरी कोई भूमिका थी. हमें मामले के बारे में मीडिया से ही पता चला है." इस केस में अभी निकिता के पक्ष का सभी को इंतजार है.

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