वह कई छलावा है, सीरियल किलर या फिर कुछ और. क्योंकि वह रात के अंधेरे में निकलता है और सोते इंसानों को मौत के घाट उतार कर फिर से अंधेरे में गुम हो जाता है. वह जिधर से गुजरता है, उधर एक नहीं कई लाशें बिछ जाती हैं. लेकिन ना तो वह लूटपाट के लिए जान ले रहा है और ना ही मरनेवालों से उसकी कोई दुश्मनी है. आखिर साईं की नगरी शिरडी में घूम-घूम कर मौत बांटने वाला ये शख्स है कौन?
आम तौर पर साईं बाबा की भक्ति में खोये रहने वाले शिरडी शहर की नींद इन दिनों एक अजीब वारदात के सिलसिले ने उड़ा रखी है. सिर्फ़ रात के अंधेरे में होने वाली ये वारदात अपने पीछे हंसते-बोलते लोगों की लाशें छोड़ जाती हैं. इस मामले में ताजा वारदात 29 जुलाई को समाने आयी है.
सुबह के करीब 8 बजे शिरडी में अहमदनगर-मनमाड़ हाईवे जिंदगी पूरी रफ्तार से दौड़ रही थी. लेकिन तभी लोगों की नजर एक होटल के बाहर पड़ी लाश पर पड़ी. ऊपरी तौर पर तो ये लाश, लाश कम और एक सोया हुआ इंसान ज़्यादा लगता था. लेकिन इसी सोए हुए इंसान को जगाने की कोशिश हुई तो एक डरावना सच सामने आया. काफ़ी कोशिश के बाद भी जब उस आदमी में कोई हलचल नहीं हुई और चादर के नीचे से रिसता खून दिखायी दिया तो साफ हो गया कि ये आदमी जिंदा नहीं है और ये कोई मामूली मौत नहीं, बल्कि कत्ल है.
अभी पुलिस इस लाश को बरामद कर कातिल का पता ढूंढ पाती, इससे पहले ही एक और खबर ने उसे एक नए ठिकाने के लिए रवाना होने पर मजबूर कर दिया. और ये जगह इस पहली मौका-ए-वारदात से ज्यादा दूर भी नहीं थी.
सुबह के करीब 8.30 बजे थे और पहली लाश वाली जगह के करीब ही नगर-मनमाड़ हाइवे पर बने सरकारी गेस्ट हाउस के नजदीक एक और लाश पड़ी होने की खबर पुलिस को मिली. ये लाश सड़क से थोड़ी दूरी पर एक दुकान के शटर के साथ पड़ी थी. रोज की तरह आज भी जब दुकानदार अपने काम-काज के सिलसिले में दुकान पर पहुंचा तो शटर के बाहर पड़ी लाश को देखकर उसके कदम ठिठक गए. लेकिन अजीब बात यह थी कि यह लाश भी पहली वाली लाश की तरह ही चादर से ठीक ऐसे ढकी थी, जैसे कोई आदमी सो रहा हो. लेकिन यहां भी चादर के आस-पास बिखरा खून इस इंसान के कत्ल की गवाही दे रहा था. तभी एक और वारदात की खबर ने पुलिस को भी चौंका दिया.
अभी सुबह के पौने 9 बजे थे और दूसरी वारदात की जगह से थोड़ी दूरी पर ज्ञानेश्वर मंदिर के पास एक और लाश पड़ी मिली. यहां भी लाश पहले की दोनों वारदातों की तरह चादर से ढकी हुई थी. इस खबर को पाते ही पुलिस तुरंत नए ठिकाने की ओर रवाना हो गई. पुलिस ने देखा कि यहां का मंजर भी पहले की दो वारदातों से हु-ब-हू मिलता-जुलता था. यहां मंदिर से थोड़ी दूर खेतों के पास चादर से ढकी एक लाश पड़ी थी. इस लाश को देखकर लगता था कि पहले दो लाशों की तरह इसकी भी किसी भारी चीज से कुचलकर जान ली गई है.
अब साफ था कि इन लाशों का एक-दूसरे से कोई ना कोई रिश्ता जरूर था. क्योंकि एक तरफ जहां सभी की सभी लाशें चादरों से ढकी मिली, वहीं दूसरी तरफ सभी लाशों के पास भारी पत्थर या ईंटें भी पड़ी मिलीं. ऐसे में चंद किलोमीटर और चंद मिनट के फासले पर पड़ीं ये लाशें महज़ इत्तेफाक नहीं हो सकती थीं. तो क्या इन सभी का कातिल एक ही था? अगर हां, तो वो कौन था और क्यों ले रहा था वो लोगों की जान?
पुलिस अब तक इस सीरियल किलर या उसके राज तक बेशक ना पहुंच सकी हो, लेकिन इस सीरियल किलर की तस्वीर उसके पास जरूर मौजूद है. और तो और एक सीसीटीवी फुटेज में ये किलर बाकायदा एक शख्स की जान लेता हुआ दिख रहा है. लेकिन फिर भी शिरडी की पुलिस है कि इस कातिल की तलाश में अंधेरे में तीर मार रही है.
एक गुमनाम सीरियल किलर की तलाश में लगी शिरडी पुलिस को साईंनगर स्टेशन से जो सीसीटीवी फुटेज मिली है, वो रोंगटे खड़े करने वाली है. यहां के सीसीटीवी में उस सीरियल किलर की लाइव तस्वीरें हैं, जो रात के अंधेरे में घूम-घूमकर मौत बांट रहा है. और इन तस्वीरों में ना सिर्फ़ उस कातिल का चेहरा कैद है, बल्कि इसमें वो अपने हाथों से एक शख्स की जान लेता हुआ भी दिखाई दे रहा है.