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पत्रकार पूजा खुदकुशी केस: पुलिस ने डमी के जरिए की तहकीकात

फरीदाबाद की चर्चित पत्रकार पूजा तिवारी खुदकुशी केस में एसआईटी की जांच जारी है. गुरुवार को अदालत से अनुमति के बाद पुलिस आरोपी इंस्पेक्टर अमित वशिष्ठ को लेकर सदभावना अपार्टमेंट पर पहुंची. वहां पूजा की डमी को गिराकर मामले की तहकीकात की गई. हालांकि, डमी के वजन और साइज को लेकर जांच टीम सवालों के घेर में आ गई.

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पूजा तिवारी खुदकुशी केस में एसआईटी जांच जारी
पूजा तिवारी खुदकुशी केस में एसआईटी जांच जारी

फरीदाबाद की चर्चित पत्रकार पूजा तिवारी खुदकुशी केस में एसआईटी की जांच जारी है. गुरुवार को अदालत से अनुमति के बाद पुलिस आरोपी इंस्पेक्टर अमित वशिष्ठ को लेकर सदभावना अपार्टमेंट पर पहुंची. वहां पूजा की डमी को गिराकर मामले की तहकीकात की गई. हालांकि, डमी के वजन और साइज को लेकर जांच टीम सवालों के घेर में आ गई.

जांच टीम के मुताबिक, पूजा की कदकाठी की डमी बनाने की प्रक्रिया बहुत मुश्किल और महंगी है. इसलिए इस डमी के सहारे जांच की जा रही है. फोरेंसिक एक्सपर्ट के सामने पुलिस ने पूजा की डमी को पांचवी मंजिल से गिराकर मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश की कि किस किस तरह और किन हालातों में वह उपर से गिरी होगी.

बताते चलें कि पूजा के सुसाइड नोट की फोरेंसिक जांच में उसके सही होने की पुष्टि हो चुकी है. सुसाइड नोट की राइटिंग पूजा तिवारी की ही है. उसकी लिखावट की जांच हो गई है. इस बात का खुलासा पुलिस आयुक्त हनीफ कुरैशी ने किया है. खुदकुशी से पहले पूजा ने अपने माता-पिता को एक चिट्ठी लिखी थी.

उसमें उसने लिखा कि उसके इस कदम के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है. उसने लिखा था कि डॉक्टर अरूण और अर्चना गोयल भ्रूण हत्या के लिए दोषी हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. पूजा ने अंत में लिखा कि 'बहुत थक चुकी हूं, अब और हिम्मत नहीं. कुछ भी बनना मगर पत्रकार मत बनना'.

वहीं पूजा और अमित के कॉमन फ्रेंड भारत शाह ने भी चौंकाने वाला खुलासा किया था. उसने कहा था कि इंस्पेक्टर अमित वशिष्ठ और पूजा एक-दूसरे के बेहद करीब थे. लेकिन अक्सर आपस में लड़ते रहते थे. उसने बताया था कि उस रात मौत से पहले दोनों साथ थे और देर तक एक दूसरे से लड़ते रहे.

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